मुखपृष्ठ

पुरालेख-तिथि-अनुसार -पुरालेख-विषयानुसार -हिंदी-लिंक -हमारे-लेखक -लेखकों से


रसोईघर- पुलाव

- शुचि की रसोई से 

मँगौड़ी की तहरी

 

 

मौसमी सब्जियों और मूंग की दाल की मुंगौड़ियों या मंगौडियों के साथ तैयार किया जाने वाला चावल का यह मारवाड़ी व्यंजन राजस्थान और उत्तर भारत में बहुत लोकप्रिय है।

सामग्री  (४-६ लोगों के लिए)

bullet बासमती चावल १ कप
bullet मंगौड़ी आधा कप
bullet आलू १ मध्यम, छोटा कटा
bullet हरी मटर तीन चौथाई कप
bullet तेज पत्ते २
bullet जीरा १ छोटा चम्मच
bullet नमक १/ छोटा चम्मच
bullet लाल मिर्च पाउडर / छोटा चम्मच
bullet हल्दी पाउडर / छोटा चम्मच
bullet गर्म मसाला / छोटा चम्मच
bullet कटा हरा धनिया
bullet घी ३ बड़ा चम्मच

परोसने के लिये

bullet घी १ बड़ा चम्मच

बनाने की विधि-

bullet चावल को बीनकर धो लें और १५ मिनट के लिए पानी में भिगो दें। प्रेशर कुकर में मध्यम आँच पर १ बड़ा चम्मच घी गर्म करें। अब इसमें मंगौड़ी को सुनहरा होने तक भूनकर एक कटोरे में निकाल लें।
bullet कुकर में दो चम्मच घी डालें। इसमें पहले तेजपात्त डालें, जब यह भुन जाय (एक दो पल में), जीरा डालें। जब जीरा चटकने लगे तब आलू के टुकड़े व मटर डालें और साथ में सभी मसाले भी डालें। सभी सामग्री को भली भाँति मिलाएँ और २ मिनट के लिए भूनें। इसमें भीगे हुए चावल व मंगौड़ी डालकर अच्छे से मिलाएँ और १ मिनट के लिए भूनें।
bullet पानी डालें। आमतौर पर बासमती चावल के प्रयोग में चावल और पानी का अनुपात १:२ का रहता है, मतलब एक कप चावल में दो कप पानी लगता है। पहले उबाल के बाद आँच मध्यम कर दें और कुकर का ढक्कन लगाकर एक सीटी लें।
bullet इस स्वादिष्ट मंगौड़ी की तहरी को कटे हरे धनिये से सजाकर परोसें। परोसते समय तहरी के ऊपर एक चम्मच घी डालें। स्वाद बढ़ाने के लिए इसे पुदीने की चटनी या फिर दही के साथ भी परोस सकते हैं।

टिप्पणी-

bullet मंगौड़ी का प्रयोग साबुत भी हो सकता है और टुकड़ों में तोड़कर भी। कोई भी व्यंजन बनाने से पहले मंगौड़ी को मध्यम आँच पर घी/ तेल में सुनहरा होने तक भूनना अनिवार्य है। बाजार से बनी बनाई आने वाली मंगौड़ी अक्सर बहुत कड़ी होती हैं, ऐसी सूरत में मंगौड़ी को पहले ही अलग से गला लें।

७ जुलाई २०१२  १ जनवरी २०२३

1

1
मुखपृष्ठ पुरालेख तिथि अनुसार । पुरालेख विषयानुसार । अपनी प्रतिक्रिया  लिखें / पढ़े
1
1

© सर्वाधिका सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक
सोमवार को परिवर्धित होती है।