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                      |  | चाशनी 
						बनाने की विधि- 
							
								|  | पानी और शक्कर को 
								कड़ाही मे उबालें। पहले उबाल के बाद आँच को धीमा 
								कर दें और चाशनी को लगभग १० मिनट तक पकाएँ। (इस 
								पाग के लिये दो तार की चाशनी उपयुक्त रहेगी।) |  
								|  | हरी इलायची के छिलके 
								उतारकर बीज को दरदरा कूटें और कुटी इलायची को 
								चाशनी में मिला दें। चाशनी तैयार है। |  बालूशाही 
						बनाने की विधि- 
							
								|  | 
								एक परात में मैदा और बेकिंग सोडा (खाने वाला सोडा) 
								को एक साथ छान लें। इसमें घी मिलाएँ और दोनों 
								हथेली के बीच में मसलते हुए मिलाएँ। दही मिलाएँ और 
								कड़ा आटा गूथें। आवश्यकता हो तो एक छोटा चम्मच 
								पानी मिलाएँ। इस आटे को गीले कपड़े से ढककर लगभग १ 
								घंटे के लिये अलग रखें। |  
								|  | 
								इस आटे को १८ भागों में बाटें। इनकी लोइयाँ बनाएँ। 
								अब लोई को दोनों हथेली के बीच में दबाकर चपटा करें 
								और बीच में अंगूठे से दबाकर निशान बनाएँ। |  
								|  | 
								एक कड़ाही में धीमी आँच पर घी गरम करें। घी हल्का 
								गरम हो तभी आहिस्ता से बालूशाही डालें और धीमी आँच 
								पर इसको गुलाबी-लाल होने तक तलें। बालूशाही को घी 
								से निकालकर किचन पेपर पर निकाल लें, थोड़ा ठंडा 
								होने दें। |  
								|  | 
								लगभग १५ मिनट बाद बालूशाही को हल्की गरम चाशनी में 
								डालें और लगभग आधे घंटे के लिये चाशनी में पड़ी 
								रहने दें जिससे बालूशाही अंदर तक चाशनी सोख लें। 
								अगर चाशनी एकदम ठंडी हो जाए तो इसे धीमी आँच हल्का 
								सा गरम कर लें। बालूशाही को चाशनी से निकालकर 
								प्लेट पर सूखने के लिये रखें। 
								 |  
								|  | 
								सूख जाने पर बालूशाही के ऊपर शक्कर की सूखी सफेद 
								परत दिखेगी। यही पहचान है कि बालूशाही तैयार है 
								परोसने के लिये।इसे कटे पिस्ते से सजाकर गर्म या कमरे के तापमान 
								पर परोसें। ।
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						टिप्पणी- 
							
								|  | 
								बालूशाही को एक हफ्ते तक बिना फ्रिज के रखा जा 
								सकता है। |  
								|  | 
								तलने के लिये हमेशा कम से कम घी से कढ़ाई भरें। 
								तला हुआ घी दोबारा कम से कम इस्तेमाल करना पड़े, 
								तो यह स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा है। |  
						१२ नवंबर २०१२ |  |