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रचना प्रसंग

टाइप करते समय याद रखें
-दीपिका जोशी

 

जब टाइपिंग के बारे में सोचते हैं तो सबके मन में यही आता है कि एक बार की-बोर्ड पर हाथ बैठ जाए तो सब आसान है। बात सही भी है लेकिन साथ कुछ बातों पर ग़ौर किया जाए तो टाइप किया हुआ पढ़नेवाले पर सम्मानजनक प्रभाव डालेगा। वर्तनी में की गई अशुद्धियाँ, अनुच्छेदों का गलत निर्माण और विराम चिह्नों का गलत प्रयोग घटिया टाइपिंग का प्रभाव तो डालता ही है, लेखक की योग्यता पर भी संदेह प्रकट करता है। संपादक ऐसी रचनाओं को अच्छी होने के बावजूद देर से प्रकाशित करने को मजबूर होता है क्यों कि उसके संशोधन में काफ़ी समय लगता है।

मात्रा का बड़ा महत्व हैं। ज़्यादातर ग़लतियाँ मात्राओं में होती हैं। इसलिए नीचे दिए हुए बातों पर ग़ौर करें तो हिंदी टाइप करने में आसानी होगी और अंग्रेज़ी भाषा के लिए सेट किए गए कंप्यूटरों पर दिक्कत पेश नहीं आएगी।

टाइपिंग शुरू करते समय बातों को ध्यान में रखना ज़रूरी है:-

मायक्रोसॉफ्ट वर्ड में Tools>autocorrect>Capitalise first letter of sentence  वाले विकल्प पर से सही का चिह्न हटा दें। इससे जब हिंदी में टाइप करना शुरू करेंगे तो वाक्य का पहला अक्षर नहीं बदलेगा। जैसे हम 'जब' लिखते हैं तो बाद में 'झब' हो जाता है।(सुशा लिपि में)

मायक्रोसॉफ्ट वर्ड में Tools>options>check spelling  वाले विकल्प पर से सही का चिह्न हटा दें। ऐसा न करने से कंप्यूटर हर हिंदी शब्द को गलत रेखांकित करता है और उसके नीचे हरी लाइन आ जाती है। इससे टाइप किया हुआ पढ़ना मुश्किल हो जाता है।
एम एस वर्ड में टाइप करें तो लिपि का आकार 14 रखें और फ्रंट पेज में टाइप कर रहे हैं तो आकार 4 रखें। मंगल फॉन्ट में टंकित कर रहे हैं तो एम एस वर्ड में आकार 10 रखें और फ्रंट पेज में आकार 2 रखें।

टाइपिंग शुरू करने से पहले इन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है:-

जो भी टाइप करना है उसको अच्छी तरह पढ़ लें और जहाँ संशोधन करना है पहले से कर लें।
दो वाक्यों के बीच में पूर्णविराम (।) के बाद एक खाली जगह छोड़ना चाहिए। पूर्ण विराम के पहले कोई जगह नहीं छूटनी चाहिए। उदाहरण के लिए
उस दिन बात वहीं समाप्त हो गई।क्यों कि वह बहुत भावुक नज़र आ रही थी।(ग़लत)
उस दिन बात वहीं समाप्त हो गई । क्यों कि वह बहुत भावुक नज़र आ रही थी।(ग़लत)
उस दिन बात वहीं समाप्त हो गई ।क्यों कि वह बहुत भावुक नज़र आ रही थी।(ग़लत)
उस दिन बात वहीं समाप्त हो गई। क्यों कि वह बहुत भावुक नज़र आ रही थी।(सही)

अर्धविराम(,) के बाद भी एक खाली जगह छोड़कर आगे का वाक्य शुरू करें। उदाहरण के लिए
वे जब बोलतीं तो बड़ी संगीतमयी आवाज़ निकलती,पर वे काम क्या कर रही थीं? (ग़लत)
वे जब बोलतीं तो बड़ी संगीतमयी आवाज़ निकलती ,पर वे काम क्या कर रही थीं? (ग़लत)
वे जब बोलतीं तो बड़ी संगीतमयी आवाज़ निकलती , पर वे काम क्या कर रही थीं? (ग़लत)
वे जब बोलतीं तो बड़ी संगीतमयी आवाज़ निकलती, पर वे काम क्या कर रही थीं? (सही)

इसी प्रकार आश्चर्य सूचक (!), प्रश्नवाचक (?) और अर्ध विराम (,) चिह्नों के बाद भी एक जगह खाली छोड़कर आगे का लिखना शुरू करें।
कोष्ठक के प्रारंभ होने से पहले और बाद में एक-एक जगह छोड़ें, लेकिन इसके बीच में कोई जगह खाली नहीं छोड़नी चाहिए। उदाहरण के लिए-
वे लोग चार बजे(छुट्टी के समय)चले गए। (ग़लत)
वे लोग चार बजे( छुट्टी के समय )चले गए। (ग़लत)
वे लोग चार बजे (छुट्टी के समय) चले गए। (सही)
संवाद वाचक चिह्न बंद करते समय (" ") अर्धविराम, पूर्णविराम या आश्चर्यसूचक चिह्न, पहले टाइप करें।
उसने कहा, "यह तो भोलू की शरारत होगी"। (ग़लत)
उसने कहा, "यह तो भोलू की शरारत होगी।" (सही)

बड़े नामों का संक्षिप्तीकरण करते समय बिंदु के बाद एक जगह छोड़ें।
सी.एस.भाटिया (ग़लत)
सी. एस. भाटिया (सही)

आश्चर्य सूचक चिह्न (!) का प्रयोग एक बार ही करना चाहिए। अनेक बार नहीं।
- वाह, वाह!!! ( ग़लत)
- वाह, वाह! (सही)

जब कहीं विलंब सूचक बिंदु देने होते हैं वहाँ सिर्फ़ 3 बिंदु देना चाहिए। उदाहरण के लिए-
चिड़ियाँ उड़ती हैं.. खुले आकाश में विचरती हैं........ और कभी किसी का भय नहीं मानतीं...... (ग़लत)
चिड़ियाँ उड़ती हैं...खुले आकाश में विचरती हैं... और कभी किसी का भय नहीं मानतीं... ( सही)

सबसे ज़रूरी बात यह है कि यदि लंबी टाइपिंग हो तो उस समय एक बार ठीक से जाँच लेने के बाद भी थोड़ी देर बाद या दूसरे दिन शांत मन से एक बार देख लें। ऐसा करने से कोई त्रुटि रहने की संभावना नहीं रहेगी।

काफ़ी अक्षरों के नीचे बिंदी होती है, यदि शुद्ध हिंदी चाहते हैं तो शब्दकोष में देखकर सही वर्तनी याद कर लेने की आदत डालना ज़रूरी है।

अगर आपने लेखन अभी शुरू ही किया है तो हमारी संपादक द्वारा रचित यह लेख-माला, बहुत लाभदायक हो सकती है।

१६ फरवरी २००५

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