सर्दी में
-पूर्णिमा वर्मन
१ दिसंबर २००१
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सर्दी में अच्छी लगती है
हरी गलीचा दूब
घर के बाहर जमी हुयी है
नरम गुनगुनी धूप
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फूल फूल भर बाग सजा है
तितली तितली मौसम
थोड़े ही दिन को आता है
यह सर्दी का सरगम
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नानी के घर बर्फ पड़ रही
टनकपूर में घर है
आग जली है आगदान में
ताज़ी यही खबर है
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नहीं धूप है पड़ी दिखाई
हफ्तों से आँगन में
नाना थोडे परेशान थे
फोन किया जब हमने |