इतना सब
कुछ करता हूँ
फुर्सत में कब रहता हूँ
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हल्ला गुल्ला मार पीट
उठा पटक और तान खींच
खेल खिलाड़ी कूद उछल
कभी सवार कभी पैदल
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पढ़ना लिखना गाना गाना
चलना फिरना आना जाना
उठना गिराना गाल बजाना
रोना धोना खाना खाना
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इतना सबकुछ करता हूँ
फुर्सत में कब रहता हूँ
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इतना सब कुछ
-पूर्णिमा वर्मन
१ सितंबर २००२
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