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ध्यान रखेंगे



दिविक रमेश
१  अप्रैल २००३

 
मेरी बिल्ली, आंछी आंछी
अरे हो गया उसे जुकाम

जा चूहे ललचा मत जी को
करने दे उसको आराम

दूध नहीं अब चाय चलेगी
थोड़ा हलुवा और दवाई

लग ना जाए आंछी हमको
ध्यान रखेंगे अपना भाई
 
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