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फुलवारी

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जादू वाली शाम

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छुट्टियों में मीता और मनु ने जादू सीखा।

मनु ने ताश के पत्तों वाला जादू और मीता ने टोपी में से तरह तरह की चीजें निकालने वाला जादू। फिर वे दोनो रंगीन डिब्बों पर चढ़ गए अपने अपने जादू का प्रदर्शन करने के लिये। मीता ने काली टोपी नीचे झुकाकर ऊपर उठाई तो उसमें से एक चिड़िया निकलकर उड़ गई। दर्शकों को बड़ा मजा आया।

फिर मनु ने ताश का जादू दिखाया। कभी ताश ऊपर कभी नीचे, कभी इधर, कभी उधर, इधर से उधर, उधर से इधर... लेकिन एक भी पत्ता जमीन पर नहीं गिरा। दर्शकों ने खूब तालियाँ बजाईं।

छुटकू भालू कुछ भी सीख नहीं सका था। वह एक छोटे डिब्बे पर बैठकर पानी के बुलबुले बनाता रहा। दर्शकों को उसके बुलबुले अच्छे लगे।

नए साल की संध्या पर मीता, मनु और छुटकू भालू की यह जादू वाली शाम सबको खूब पसंद आई।

- पूर्णिमा वर्मन

३१ दिसंबर २०१२  

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