मुखपृष्ठ

पुरालेख-तिथि-अनुसार -पुरालेख-विषयानुसार -हिंदी-लिंक -हमारे-लेखक -लेखकों से


फुलवारी

 


सितारों का संसार
सौर मंडल

प्यारे दोस्तों,

आओ आज सौर मंडल के बारे में बात करें। सौर मंडल क्या है? सूरज और उसकी परिक्रमा करनेवाले नौ ग्रह, कुछ छोटे ग्रह, लगभग पचास उपग्रह और धूमकेतु, ये सभी सौर मंडल के सदस्य हैं।

सौर मंडल के मुख्य नौ ग्रह हैं बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस, वरुण और प्लूटो। बुध, इन नौ ग्रहों में से सूरज के सबसे करीब है इसलिए यह सूर्य का एक चक्कर सबसे कम समय, अठ्ठासी दिनों मे पूरा करता है। क्यों कि प्लूटो, नौ ग्रहों में से, सूर्य से सबसे अधिक दूरी पर है इसलिए वह सूर्य का एक चक्कर सबसे अधिक समय, दो सौ पचास साल में पूरा करता है।

दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि सौर मंडल का जन्म कैसे हुआ? लगभग पाँच अरब साल पहले सूर्य और सौर मंडल मौजूद नहीं थे। उस समय अन्तरिक्ष में सौर मंडल की जगह केवल गैस और धूल के कई बड़े-बड़े बादल थे। वैज्ञानिकों का मानना है कि एक करीबी सितारे के विस्फोटित होने से जो तरंग उत्पन्न हुई, उसके कारण गैस और धूल के कण एक दूसरे के पास आने लगे।

यह गुरुत्व के प्रभाव के कारण हुआ। पास आते-आते ये गैस और धूल के कणों के बड़े-बड़े बादल सिकुड़ते गए और घने होते गए। धीरे-धीरे इन बादलों ने तश्तरी का आकार ले लिया और घूमने लगे।

घूमते-घूमते ज़्यादातर पदार्थ बीच में इकठ्ठा होने लगे और अंडे के आकार की तश्तरी धीरे-धीरे एक गोला बन गई। यह गोला सिकुड़ता रहा और इसका तापमान बढ़ता गया। यह गोला चमकने लगा, पहले नारंगी और फिर लाल रंग में। जल्द ही इस गोले का तापमान दसों अरबों डिग्री तक बढ़ गया।

इससे एक खास क्रिया हुई जिसे नाभिकीय क्रिया कहते हैं। इस क्रिया से इतनी ऊर्जा पैदा हुई कि यह गोला एक सितारे की तरह चमकने लगा। जानते हो यह कौन सा सितारा था? यह था हमारा सूरज।

सूरज की परिक्रमा करती तश्तरी का तापमान सूरज से काफी कम था। वहाँ गैस और धूल के कण पास आते गए और कई ठोस ढ़ेर बन गए। ये ढ़ेर एक दूसरे से टकराकर आकार में बड़े हुए और ग्रह बन गए।

ऐसा माना जाता है कि भविष्य में पाँच अरब साल बाद सूरज जिस ईंधन से चमकता है वह ख़त्म हो जाएगा। तब सूरज फैलकर एक बहुत बड़ा लाल सितारा बन जाएगा जो कि शुक्र के परिक्रमा पथ तक फैला हुआ होगा और तब धरती एक आग का गोला बन जाएगी। अरे! घबराओ नहीं। यह पाँच अरब साल बाद ही होगा और तब तक हम में से कोई ज़िन्दा नहीं रहेगा इसे देखने के लिए।

आशा है तुम्हें सौर मंडल की ये कहानी अच्छी लगी होगी। अगले अंक में हम सूरज के बारे में और बाते करेंगे। मैं तुम्हें बताऊँगी कि सूरज किससे बना है, कितना बड़ा है और सूर्य ग्रहण क्या होता है। इस बीच अगर सौर मंडल के बारे में तुम्हें कुछ भी पूछना हो तो मुझे ई-मेल कर सकते हो, पता ऊपर है ही।

अगली बार फिर मिलेंगे, तब तक अपना खयाल रखना

तुम्हारी,
गुल्लू दीदी

१ अगस्त २००२
1

1
मुखपृष्ठ पुरालेख तिथि अनुसार । पुरालेख विषयानुसार । अपनी प्रतिक्रिया  लिखें / पढ़े
1
1

© सर्वाधिका सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक
सोमवार को परिवर्धित होती है।