फुटबॉल
आधुनिक
फुटबॉल का विकास इंगलैंड में १९वीं शती में हुआ। आज यह खेल
विश्व के सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है। फुटबॉल को
'सॉकर' भी कहते हैं। इसको दो टीमें मिलकर खेलती हैं।
प्रत्येक टीम में ११ खिलाड़ी होते हैं। इनमें से एक गोल
कीपर होता है जिसको 'गोली' भी कहते हैं।
खेल आयताकार मैदान में खेला जाता है जिसके दोनों सिरों पर
गोल बने होते हैं। दोनों टीमों के खिलाड़ी एक गेंद को अपने
पैरों से खेलते हुए विपक्षी टीम के गोल में डालने की कोशिश
करते हैं। गोलरक्षक का काम गेंद को गोल में जाने से रोकना
होता है। जब कोई टीम गेंद को विपक्ष के गोल में डालने में
सफल हो जाती है तो कहा जाता है कि उस टीम ने एक 'गोल' कर
दिया। खेल ९० मिनट तक चलता है और जो टीम ज्यादा गोल करती
है उसको विजयी घोषित किया जाता है।
सभी खेलों की तरह फुटबॉल को खेलने के भी नियम हैं।
गोलरक्षक के सिवा कोई भी खिलाड़ी गेंद को हाथ से नहीं छू
सकता। गोल के तीन ओर एक रेखा बनी होती है, जिसे गोलरक्षक
का क्षेत्र कहा जाता है। गोलरक्षक केवल इस क्षेत्र के अंदर
रहते हुए ही गेंद को हाथ से छू सकता है। गेंद को पैरों या
सिर से मार कर आगे बढ़ाया जाता है।
यदि गेंद गोल से लगी मैदान की सीमा रेखा से बाहर चली जाती
है तो विपक्षी दल को 'कॉर्नर किक' दी जाती है। इसमें
विपक्षी टीम का एक खिलाड़ी गेंद को मैदान के कोने से ठोकर
मार कर वापस मैदान में लाता है। अगर गेंद किसी अन्य जगह से
मैदान से बाहर जाती है तो विपक्षी खिलाड़ी गेंद को हाथों से
अंदर फेंकता है।
खेल को नियंत्रित करने के लिए एक रेफ़री मैदान में होता है।
यदि कोई खिलाड़ी विपक्षी टीम के किसी खिलाड़ी को जानबूझ कर
गिराता है तो रेफ़री इसे फ़ाउल करार देता है। वह फ़ाउल करने
वाले खिलाड़ी को पीला या लाल कार्ड दिखाता है। पीले कार्ड
का अर्थ चेतावनी होता है– दो बार पीला कार्ड दिखाए जाने पर
खिलाड़ी को मैदान छोड़ना पड़ता है। लाल कार्ड गंभीर फ़ाउल के
लिए होता है। जिस खिलाड़ी को एक भी लाल कार्ड दिखाया जाता
है उसे मैदान छोड़ना पड़ता है।
आजकल फुटबॉल के खेल को चलाने वाली सबसे बड़ी संस्था फ़ीफ़ा
है। यह संस्था हर चार वर्ष में फ़ुटबॉल की विश्वकप
प्रतियोगिता आयोजित करती है। २००६ में आजकल १८वीं विश्वकप
प्रतियोगिता खेली जा रही है। ब्राज़ील अभी तक सबसे ज़्यादा
पांच बार यह प्रतियोगिता जीत चुका है। |