बब्बर शेर
यदि
यह प्रश्न पूछा जाए कि जंगल का राजा कौन है, तो शायद ही
कोई ऐसा हो, जिसे मालून न हो कि शेर जंगल का राजा है। बहुत
पुराने समय से उसे शक्ति और प्रभुत्व का प्रतीक माना जाता
है। भारत ने भी उसे अपने राष्ट्रीय-चिह्न में स्थान दिया
है। वह पशुओं में सबसे अधिक रोबीला और बहादुर है। बिल्ली
जाति का वह एकमात्र पशु है, जिसके नर की गर्दन दर्शनीय
अयाल से सुशोभित रहती है। शेर की शारीरिक गठन, बनावट और
आदतें घरेलू बिल्ली के समान होती हैं।
एक समय था, जब शेर बब्बर
उत्तरी भारत के अधिकांश मैदानी जंगलों में पाया जाता था
किंतु अब उनकी संख्या काफी कम हो गई है। अपनी निर्भीकता के
कारण वह सरलता से मारा गया। भारत में उनके संरक्षण के लिए
गिरनार में एक संरक्षित वन बनाया है जहाँ लगभग दो सौ शेर
है।
भारतीय शेर की लंबाई २.५
मीटर से २.९ मीटर और वज़न २०० से २५० किलोग्राम होता है।
वह समाजप्रिय पशु है और झुंड बना कर रहता है। एक झुंड में
दो-तीन शेर कुछ शेरनियाँ और बच्चे होते हैं। वे मिलकर
शिकार करते हैं, जिसमें प्रमुख भाग शेरनियाँ लेती हैं।
शिकार पर पहला अधिकार शेर का होता है, शेरनियाँ व बच्चे
बाद में खाते हैं। तीन वर्ष से बड़े शेर अपना नया झुंड
बनाते हैं।
दिन के समय शेर किसी सघन
झाड़ी में सोया रहता है, संध्या होते ही उसे भोजन प्राप्त
करने की चिंता होती है। प्रायः वह जलाशय को जाने वाले
मार्ग के किनारे दुबककर बैठ जाता है, और जब प्यासे पशु
गोधूलि के समय पानी पीने आते हैं, तो वह उन्हें मार डालता
है। बब्बर शेर का भारत तथा अफ्रीका में पाया जाता है।
भारताय शेर की लंबाई थोड़ी कम होती है पर उसकी अयाल और दुम
अधिक लंबी और घनी होती है।
१ फरवरी
२००३ |