मुखपृष्ठ

पुरालेख-तिथि-अनुसार -पुरालेख-विषयानुसार -हिंदी-लिंक -हमारे-लेखक -लेखकों से


परिक्रमा दिल्ली दरबार

हाइटेक हुए साधू सन्त

सूचना संचार क्रान्ति के इस युग में कम्पयूटर, इन्टरनेट, मोबाइल फोन, डिजिटल कैमरे शहरी जन जीवन में बेहद जरूरी होते जा रहे हैं। ऐसे में साधु सन्त भी भला पीछे क्यो रहें। मन्दिरो के प्राचीन शहर उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ मेले मे आये हुये साधुओं के हाथों में मोबाइल फोन, टेंट में कम्पयूटर व लैपटाप देखकर सहज अन्दाज लगाया जा सकता है कि साधु सन्त भी जमाने के साथ कदम मिलाकर चल रहे हैं। हाइटेक हुये साधु सन्त सिंहस्थ मेले में पूरब पशिचम के संगम की अनोखी मिसाल पेश कर रहे है।

देश का राजनीतिक तापमान चरम सीमा पर है। १४वीं लाकसभा की ५४३ सीटों के लिये हो रहे चुनावी घमासान के तीसरे चरण के मतदान की प्रक्रिया के साथही ज्यादातर राजीतिक दिग्गजों की किस्मत का फैसला हो चुका है। इलेक्ट्रानिक्स वोटिंग मशीन में कैद जनता की राय का खुलासा १३मई को होगा। आने वाले चुनावी परिणाम ही सुनिश्चित करेंगे कि कौन राजनीतिक दल केन्द्रीय सता हथियाता है। चतुर्थ एवं अन्तिम चरण के मतदान १० मई को सम्पन्न हो जायेंगे। 

विकास के मु्रद्दे पर लडे जा रहे इस चुनाव में मुख्य मुकाबला राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबन्धन और कांग्रेस गठबन्धन के बीच है। वही जातिगत आधार पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले क्षेत्रीय दलो के क्षत्रपों कै भूमिका भी केन्द्रीय सरकार के गठन में अहम रहेगी। प्रारम्भिक चुनावी दौर में पीछे चल रही कांग्रेस पार्टी में राहुल गांधी और प्रियांका की सक्रिय भागीदारी ने कांग्रेस का जनाधार बढाने में अप्रत्याशित सफलता पायी है। सताधारी राजग के लिये लोकसभा चुनाव में बहुमत बनाये रखने के लिये प्रतिष्ठा दांव पर है। मतदान बाद सर्वेक्षणो से कयास लगाया जाता है कि त्रिशुंक लोकसभा की स्थिति बनती नजर आ रही है।

गौर तलब है कि इस चुनावी महासमर में भाजपा, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी ने अभिनेता से नेता बने फिल्मी सितारो का सहारा लिया है। हांलांकि फिल्मी सितारे भीड जुटाने में कामयाब रहे फिर भी देखना यह है कि भीड को वोटों की शक्ल में तब्दील कर ये सितारे अपने से जुडे राजनीतिक दल को कितना लाभ दिला पाते है।

माया नगरी मुम्बई में युवाओं की मस्ती पर पुलिस ने पहरा बिछा दिया है। मुम्बई के डांस बारों में अब २१वर्ष से कम उम्र के युवाओं के प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। शहर के ५ २डांसबारो पर छापा मारकर पुलिस ने इस कानून का सख्ती से पालन करने का ऐलान कर दिया है। मुम्बई पुलिस का मानना है कि इन डांस बारो के जरिये गैर कानूनी गतिविधियों को धडल्ले से चलाया जाता रहा है। एक ओर जहां पुलिस को डांस बार मालिको के आक्रोश को झेलना पड रहा है वहीं आम जनता ने मुम्बई पुलिस के इस कदम की सराहना की है।

भारतीय चिकित्सकों की कुशलता से नाना नानी की उम्र में पहुँच चुके दम्पति को औलाद का सुख देखने को मिला। कोयम्बटूर के ६५  वर्षीय सुब्रामण्यम और उनकी ६३ वर्षीय पत्नी पपाथि की सूनी कोख को आधुनिक तकनीक ने हरा भरा कर दिया गया। टेस्ट टयूब बेबी के जरिये पपाथि ने २ किलो ग्राम का स्वास्थ बच्चा जना। पपाथि के चेहरे पर मातृत्व सुख की लालिमा स्पष्ट देखी जा सकती है।

 

भारत में राजनेताओ के बारे मे आम धारणा हे कि वे सात पुश्तों के लिये धन जोड लेते हैं। बडे़ बडे़ ओहदों पर कार्यरत अनेकों लोगों ने राजनीतिक आकर्षण के चलते अपने पदो को तिलांजलि देकर राजनीति में प्रवेश किया है। लेकिन पश्चिमी बंगाल की विधायिका ज्योत्सना सिंह ने विधान सभा की सदस्यता से इसलिये त्यागपत्र दे दिया ताकि वह अपनै परिवार का पेट भरने के लिये नौकरी कर सकें। बर्दवान जिले के खंडा घोष निर्वाचन क्षेत्र से निवार्चित ज्योत्सन सिंह के परिवार में माता पिता और दो बेरोजगार भाई है। उन्होन विकास परियोजना में सर्वेक्षक की नौकरी के लिये विधान सभा की सदस्यता से अपना त्याग पत्र दिया।

प्यार में दूरियां हमेशा बेमानी रहती है। इन्टरनेट पर चैटिंग के माध्यम से उपजा प्यार हजारों मील दूर से ही परवान चढा। ५०  वर्षीय अमेरिकन महिला केथरीन और ३३ वर्षीय गुजराती नवयुवक अतुल ठाकर के दिलों में प्रेम का बीज अंकुरित करने का माध्यम बना सायबर की दुनिया का नायाब तोहफा इन्टरनेट चैट। पेशे से शिक्षक केथरीन ने भारतीय कम्पयूटर इंजीनियर के प्यार में खिंचते हुए सात समंदर पार कर शादी रचाई। उम्र और संस्कृति के इस फर्क के बावजूद दोनो के माता पिता की इस संबंध में पूरी रज़ामंदी थी। उन्होंने कानूनी औपचारिकता के साथ ही सामाजिक रस्मो रिवाज के साथ अग्नि के सात फेरे लिये।  केथरीन के माता पिता ज्यादा उम्र और खराब सेहत के चलते अपनी बेटी का कन्यादान करने नही आ सके किन्तु उनकी कमी को खलने नही दिया गया कन्यादान की रस्म भी पूरी की गयी। अतुल ठाकर के माता पिता और रिश्तेदारो की सहमति के बीच समस्त वैवाहिक कार्यक्रम राजकोट में सम्पन्न हुआ।

तमिलनाडु स्टेट योगासन संगम' के संचालक योग विशेषज्ञ योगीराज पी अइयादुरई के मुताबिक तकिया पर सिर रखकर सोते समय मनुष्य के शरीर की सभी गतिविधियों को नियन्त्रित करने वाली रक्त संचार प्रणाली में व्यवधान पैदा होने से दिल का दौरा पडने की सम्भावनाये बढ जाती है।

अइयादुरई के मुताबिक बिना तकिया के सोने वाले लोग निरोगी रहकर अधिक दिन तक जीते हैं उनके बाल सफेद होने का खतरा भी नही रहता। तकिया इस्तेमाल करने से शरीर को पर्याप्त आक्सीजन न मिल पाने के कारण व्यक्ति को अस्थमा होने का खतरा रहता है। योगिराज के अनुसार बिना तकिया लगाये सोने वाले छात्र नियमित रूप से तकिया लगाकर सोने वाले क्षात्रो की तुलना मे ज्यादा बुद्धिमान होते हैं। पिछले २० वर्षो से तकिये की वजह से शरीर पर पडने वाले दुष्प्रभावों का अध्ययन कर रहे योगीराज की सलाह है कि यदि आप निरोगी रहना चाहते हैं तो सबसे पहले सोते समय तकिये का इस्तेमाल बन्द कर दें।

अपनो से बिछुडने के गम में एक एक पल सालों के समान होता है। औलाद के गम में गमगीन वृद्ध जापानी दम्पति नौ साल पहले भारत मे खोये हुये बेटे की तलाश में चौथी बार जापान से चेन्नई पहुँचे। सन १९९५ में पचीस वर्षीय कोजी मरियामा आत्मिक ज्ञान की खोज में भारत आया था। बौद्ध धर्म से प्रभावित कोजी ने भारत के अनेक बौद्ध र्तीथस्थलों का भ्रमण किया। अन्तिम बार उसे विजयबाग में देखा गया था। जापानी दम्पति तोशियो मरियामा पिछले कई वर्षो से लापता अपने पुत्र की खोज में चार बार भारत की यात्रा कर चप्पा चप्पा छान मारा है। घटना के नौ साल बाद भी कोजी के मां बाप ने उसकी आस नही छोडी है। जापानी माता पिता की जिन्दादिली और साहस देखकर जापानी मीडिया भी इनकी मदद की ठानी है। इस बार की खोज में जापानी मीडिया भी उनका सहयोग कर रहा हे।

— बृजेश कुमार शुक्ला

 
1

1
मुखपृष्ठ पुरालेख तिथि अनुसार । पुरालेख विषयानुसार । अपनी प्रतिक्रिया  लिखें / पढ़े
1
1

© सर्वाधिका सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक
सोमवार को परिवर्धित होती है।