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परिक्रमा दिल्ली दरबार

अलविदा कल्पना! अलविदा बच्चन!!

अंतरिक्ष  प्रक्षेपण यान कोलम्बिया पर सवार होकर दूसरी बार अंतरिक्ष यात्रा पर गयी भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष नायिका कल्पना चावला और इज्राइल के प्रथम अंतरिक्ष यात्री कर्नल इलान रैमोल के अलावा पांच अमरीकी यात्री भी थे जो विभिन्न रोगो के इलाज के लिए दवांए विकसित करने के अभियान पर थे। अभियान की वापसी में उतरते समय कोलम्बिया यान ऊंचाई पर आग की लपटों से घिर कर टुकडे टुकडे हो गया जिसमें कल्पना चावला समेत सभी अंतरिक्ष यात्रियों की दर्दनाक मौत हो गयी। 

इस हृदय विदारक घटना से समूचा विश्व एवं भारतीय मन व्यथित हो गया। टीवी पर कल्पना चावला के अंतरिक्ष यान की लैंडिग देखने को बेताब आंखे और खुशी से दमक रहे चेहरो पर आंसुओं का सैलाब उमड पडा। हरियाणा राज्य के करनाल में जन्मी, पंजाब इंजीनियरिंग कालेज की छात्रा कल्पना चावला ने अमेरिका के टेकसास विश्व विद्यालय से स्नातक और कोलोराडो से डाक्टरेड की उपाधि प्राप्त की थी। 

४२वर्षीय कल्पना  नासा में अभियान विशेषज्ञ के रूप में जुडी थी। भले ही कल्पना अमेरिका  में बस गयी थी फिर भी हर भारतीय को उन पर नाज था और यही कारण था कि भारत  में प्रवासी दिवस पर इन्डिया टुडे ने उनका चित्र आवरण पर प्रकाशित किया था। भारतीय राष्ट्रपति कलाम, प्रधानमन्त्री बाजपेई ने इस दुर्भाग्यपूर्ण अपूर्णनीय क्षति पर गहरी संवेदना व्यक्त किया। भारतीय संसद ने ब्रह्माण्ड की उचाईयां चूमने वाले ब्रह्माण्ड में विलीन इन पुरोधाओं को भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

भारत की राजधानी नई दिल्ली के प्रगति मैदान में प्रथम प्रवासी दिवस पर प्रधानमन्त्री अटलबिहारी बाजपेई ने उदघाटन उदबोधन पर जब अपनी कविता के ये शब्द कहे कि  "जब जी चाहे आ जाना सदा खुले हैं द्वार, सदा हमारे दिल में बसते कैसे कहे मेहमान", सुनते ही पूरा वातावरण भावुक हो उठा। ९  जनवरी १९१२ में महात्मा गांधी का दक्षिण अफ्रीका से भारत  आगमन  की याद को ऐताहासिक बनाने के विशेष रूप से इस दिवस का चयन किया गया।

डा लक्ष्मी मल्ल सिंघवी की सिफारशो के मददेनजर प्रधानमत्री बाजपेई ने इंग्लैंड, अमेरिका, कनाडा, न्यूजी लैंड, अस्टे्रलिया और सिंगापुर में रहने वाले भारतवंशियों को दोहरी नागरिकता का उपहार दिया। कुछ चुनिन्दा  देशों के प्रवासी भारतीयों को मताधिकार देने के सम्बन्ध में भारतीय सरकार का मानना है कि उन्ही देशों के नागरिको को यह अधिकार दिया जा सकता है, जहाँ दोहरी नागरिकता का विधान  है। 

उन देशों के नागरिकों को यह अधिकार नही दिया जा सकता, जहाँ वैधानिक रूप से दोहरी नागरिकता पर रोक लगी हो। सुरक्षा कारणो से भी सभी देशों के रहने वाले भारतीय मूल के लोगो को दोहरी नाग रि कता का लाभ नही दिया जा सकता।

गौरतलब है कि लगभग २०  मिलियन भारतीय ११०  से ज्यादा देशों मे रहते हैं,और अनुमान के मुताबिक लगभग ४००  मिलियन डालर उनकी सालाना आय है। इस अवसर पर भारतीय मूल के १०  हस्तियों को प्रधानमन्त्री ने प्रवासी सम्मान से नवाजा। भारत वासियो के गर्म जोशी से हुये सम्मान से एक नया अध्याय शुरू हुआ, जिससे भारत में पूंजी निवेश बढने की सम्भावना उज्जवल हुयी।

 

दशद्वार से सोपान तक की  सीढियां चढते हुये मधुशाला के अमर कवि हिन्दी के मूर्धन्य, लोकप्रिय कवि डा हरिवंश राय बच्चन का ९६  वर्ष की आयु में निधन हो गया। मुम्बई में रूइया के बैकुठ आश्रम श्मशान में उनका पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हुआ। 

संगम इलाहाबाद में अपने पिता का अस्थि–कलश लेकर आये मेगा स्टार अमिताभ बच्चन के काफिले में मधुशाला की रूबाइयों की कुछ बाते सच होती दिखी ‘मेरे शव के पीछे चलने वालो याद इसे रखना, राम नाम है सत्य न कहना,  कहना सच्ची मधुशाला" को चरितार्थ करते हुए उस दिन इलाहाबाद में मधुशाला की हर प्रति बिक गयी। शाम को किताबों की दूकान पर  पहुचने वाले मधुशाला प्रेमियों को खाली हाथ ही लौटना पड़ा। संगम पर पूजा पाठ करते अमिताभ बच्चन व अपने चहेते अभिनेता को देखने के लिये उमडी प्रशंसको की भीड में  भी वही दीवानगी और एक झलक पा लेने की आतुरता थी।

राजधानी नयी दिल्ली में गणतन्त्र की ५ ४वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह के गवाह रहे राजकीय मेहमान ईरानी राष्ट्रपति खातमी जिनके सम्मान में २१तोपो की सलामी दी गयी। ईरानी राष्ट्रपति ने आतंकवाद का सर्मथन करने वाले देशों के प्रति दोहरे मापदंड अपनाने की नीति का विरोध किया। भारत और ईरान ने  नई दिल्ली घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर कर सम्बन्धों को नई ऊंचाई दी और आपसी रिश्ते की डोर को मजबूत किया। उदारवादी नेता के रूप में अपनी छवि बना चुके खातमी ने आतंकवाद पर भारतीय रूख का सर्मथन किया।

उप प्रधान मन्त्री लालकृष्ण आडवानी अपनी कतर यात्रा के दौरान अमीर शेख हमद अल बिन खलीफा अलथानी से मुलाकात कर आग्रह किया कि वह रोजगार के लिये यहाँ आने वाले अन्य देशों के नागरिको को अपने अपने धर्म के अनुसार पूजा करने व व्यक्तिगत धार्मिक स्वतन्त्रता उपलब्ध करायें। काबिले गौर है कि कतर एक मुस्लिम राष्ट्र है यहाँ इस्लाम के अलावा  किसी अन्य धर्म के पालन की इजाजत नही है़। कतर नेतृत्व ने उनके सुझाव को काफी गम्भीरता से लिया और कहा कि अपने प्रस्तावित संविधान में वे ऐसा प्रावधान रखने पर विचार कर सकते हैं।

आतंकी संगठन अलकायदा की खबरों को प्रसारित करने के लिये विश्वविख्यात चैनल अलजजीरा के साक्षात्कार के प्रस्ताव को आडवानी ने नकार दिया। आडवानी  तीन दिन की थाइलैंड की यात्रा मे वहाँ के प्रधानमत्री थाकसिन शिवात्रा से भेंटकर विश्व में बढते आतंकवाद  और सुरक्षा के विषय पर विस्तृत विचार विर्मश किया तथा दोनो देशों ने आतंकवाद के खिलाफ जारी लडाई में कन्धे से कन्धा मिलाकर सहयोग के लिये प्रत्यापर्ण सन्धि  पर सहमति व्यक्त की। ज्ञात हो कि भारत के कई कुख्यात आतंकियों ने थाईलैंड में ठिकाना बना रखा है जहाँ रहकर वे अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। इस वजह से दोनो देशों  के मध्य प्रत्यापर्ण सन्धि पर रजामंदी होना भारत के लिये बडी सफलता है। इसके अतिरिक्त अन्य क्षेत्रो में भी द्विपक्षीय सहयोग पर बल दिया गया।

विश्व क्रिकेट के ८वें महासमर में दक्षिण अफ्रीका की उछाल एवं स्विंग लेती हुयी पिचों पर भारतीय क्रिकेट सेना को बल्लेबाजी के साथ ही कुशल क्षेत्र रक्षण की अग्नि परीक्षा से गुजरना होगा। भारतीय क्रिकेट का सारा दारोमदार चार महारथियों सौरव, तेन्दुलकर, द्रविण और सहवाग के कन्धों पर निर्भर होगा। आक्रामक कप्तान गांगुली के सूझ बूझ भरे निर्णय विजय श्री वरण करने में निर्णायक साबित होंगे।

— बृजेश कुमार शुक्ल

 
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