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व्यक्तित्व

अभिव्यक्ति में  
विमल झाझरिया की रचनाएँ  

घर परिवार में
वास्तु–विवेक के अंतर्गत

पंचतत्व और ऊर्जा के कोण
दिशाएं और उनके लाभ
भूखण्डों का चुनाव

 


विमल झाझरिया

१९५५ में जन्मे विमल झाझरिया नये पीढ़ी के उन वास्तुविशेषज्ञों में से हैं जिन्होंने वास्तु शास्त्र को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में नयी दिशा दी है। घर को तोड़–फोड़ के बिना मंगलिक बनाने की प्रक्रिया में उन्होंने नये प्रयोग किये हैं जो काफी सफल माने जाते हैं। भारत में कानपुर स्थित उनके वास्तु शिल्प केन्द्र में वास्तु शास्त्र की शिक्षा व नये प्रयोग निरंतर चलते रहते हैं।

प्रसिद्ध वास्तु शास्त्री नंदकिशोर झाझरिया के पुत्र विमल झाझरिया ने यूरोप, आस्ट्रेलिया तथा अरब देशों की नियमित यात्रा यात्राएं करते हुए वास्तु का प्रचार – प्रसार कर उसको लोकप्रिय बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाये है। लंदन के भारतीय विद्याभवन में व्याख्यान देने का गौरव उन्हें प्राप्त है।

विमल झाझरिया के जालघर वास्तुकल्प पर वास्तु संबंधी अनेक जानकारियाँ उपलब्ध हैं।

वे अभिव्यक्ति के लिये वास्तु–विवेक शीर्षक से विशेष लेखमाला लिख रहे हैं।

संपर्क : info@vastukalp.com

 
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