वह
नवंबर की एक सुहानी शाम थी जब छुईमुई कसबा के अल्फ्रादो
रेस्त्रा के सामने वाले बरामदे के एक कोने में बैठी थी। यहाँ
से ठीक सामने शारजाह का आई ऑफ एमीरेट्स व्हील है और उसके
बिलकुल सामने म्यूजिकल फाउंटेन। अल्फ्रादो के इस कोने पर एक
बड़े कप वाले कैपीचीनो के पैसे चुकाकर, आप तीन घंटे के लिये
उनके इंटरनेट का पासवर्ड लेकर, अपने लैपटॉप पर काम करते हुए,
आराम से बैठे रह सकते हैं।
छुईमुई भी यही करती है। मोहक खुली हवा, तरह तरह की आकर्षक
बत्तियों से जगमगाता, संगीत से भरपूर यह कसबा, दोनो तटों के
बीच बहती कनाल, कनाल पर नौकाविहार करते लोग, पानी में झाँक कर
देखो तो जेली फिश और कभी कभी तो उनका पूरा झुंड... हर तरफ
खेलते हुए बच्चे... सप्ताह में एक या दो बार वह मराया आर्ट
सेंटर, और मसराह थियेटर के भी चक्कर लगा लेती है। कभी कदा उसके
पसंद के कार्यक्रम हुए तो कुछ समय वहाँ गुजारती है, अन्यथा बस
बरामदे का यही कोना... अल्फ्रादो के सामने। कसबा शारजाह का एक
मनोरंजन स्थल है। आम मनोरंजन स्थलों से अलग हर तरफ से खुला हुआ
सीधे आकाश के नीचे कला, साहित्य और संस्कृति का अद्भुत संगम
स्थल।
कसबा के पास बनी ऊँची-ऊँची इमारतों में से एक में छुईमुई का
ऑफिस है और कुछ ही दूर ऐसी ही एक अन्य इमारत में उसका फ्लैट,
ऑफिस से वापस आकर फ्लैट के सन्नाटे में घिरना उसे पसंद नहीं।
कसबा की मनोरम शाम में बुनी रंगीन चहलपहल उसका मन मोहती है।
लैपटॉप पर दोस्तों परिवार वालों के साथ चैट-रूम में बात करती
है और रात का खाना यहीं खाकर या यहीं से पैक करवाकर वह वापस
अपने फ्लैट पर लौटती है।
छुईमुई उसका असली नाम नहीं है। ये पुराने दिन हैं शायद दो हजार
चार या दो हजार पाँच का साल। औरकुट तब नया नया था। लोग कहते थे
ये याहू से बेहतर है। उसी साल हमारी कहानी की नायिका ने छुईमुई
नाम से औरकुट में एक अकाउंट बनाया। सोचा- देखें तो, कोई है
अपने शहर में बात करने लायक? ढेर सारे लोग, मित्रों के साथ
चुनाव की सुविधा... उसने शारजाह में अपनी आयु के लोगों की सर्च
डाल दी और यहाँ उसका जैसा ही एक अजीब नाम प्रकट हुआ- वैक्क्यू
लियोनी।
'किस भाषा का नाम था ये? उसने सोचा-
'पूछ कर देखती हूँ।
उसने डबल क्लिक करते हुए संदेश दिया- हलो, आपका नाम आकर्षक है।
धन्यवाद, आपका भी।
क्या आप बता सकते हैं कि यह किस भाषा का शब्द है और इसका मतलब
क्या है?
यानि कि आप मेरे नाम का मतलब समझना चाहती हैं... समझना चाहती
हैं? या समझना चाहते है? मेरा मतलब है कि आप स्त्री हैं या
पुरुष?
जब तक वैक्यू लियोनी यह संदेश पूरा करता, उससे पहले ही छुईमुई
ने ‘’वैक्यू लियोनी’’ शब्द को गूगल ट्रांस्लेट में डाल दिया।
फिर वैक्यू लियोनी के प्रश्न का उत्तर लिखने लगी- मैं स्त्री
हूँ। इसलिये यह भी निश्चित हो जाता है कि मैं आपके नाम का मतलब
जानना चाहती हूँ, न कि जानना चाहता हूँ। क्या मैं जान सकती हूँ
कि आप महिला हैं या पुरुष?
मैं स्त्री हूँ या पुरुष यह जानने से पहले शायद आप मेरे नाम का
अर्थ जानना चाहें...
- बेशक
- मेरे नाम का अर्थ है एक खतरनाक अजगर जो सबकुछ निगल जाता
है...
छुईमुई ने गूगल में झाँका। गूगल ने उत्तर दिया- यह इटैलियन
शब्द है और इसका मतलब है बूढ़ा शेर। छुईमुई समझ गई वैक्यू
लियोनी जो भी है, इस समय बेवकूफ बनाने के मूड में है। झूठ बोल
रहा है। उसने संदेश टाइप किया- मुझे तो लगता है कि यह इटैलियन
शेर है जो बूढ़ा हो चुका है?
- वाह वाह आपने खूब पहचाना तो क्या आप भी इटैलियन हैं या किसी
इटैलियन से आपका परिचय है या क्या आप इटैलियन भाषा समझती हैं?
- नहीं-नहीं मैं इटैलियन नहीं हूँ, न आपसे पहले किसी इटली के
नागरिक से मेरा कोई परिचय हुआ और न ही मैं इटैलियन भाषा जानती
हूँ। मुझे सिर्फ इटैलियन भोजन पसंद है।
- तो फिर आप मेरा नाम कैसे डिकोड कर सकीं? वैक्यू लियोनी ने
आश्चर्य से पूछा।
- मेरे एक अंकल हैं जो मुझे इटैलियन या किसी भी भाषा के शब्दों
का अर्थ बता देते हैं।
- वाह आपके अंकल तो कमाल के हैं तो क्या वे आपके पास ही बैठे
हैं या आपने फोन से पूछ लिया?
- नहीं नहीं वे ज्यादातर मेरे पास ही रहते हैं।
- अंकल भी कोई पास रखने की चीज है? रखना ही है तो ब्याय फ्रेंड
को पास रखो?
- मैं विवाहित हूँ और मेरे पति मेरे साथ रहते हैं।
- ओह ओह यह तो अच्छी बात है। तो आपके पति इस समय कहाँ हैं?
- वे काम पर हैं और रात तक घर आते हैं।
- शायद उनका आफिस बहुत दूर होगा।
- आप ठीक समझे।
- हाँ तो आप कह रही थीं कि आपको इटैलियन व्यंजन पसंद हैं...
- जी
- तो आपने यह नहीं बताया कि आपको कौन-कौन से इटैलियन व्यंजन
पसंद हैं।
- पालक वाली पीत्जा, मशरूम वाली रवियोली, गार्लिक ब्रेड काले
नमकीन जैतून के साथ और तिरामिसू छुईमुई ने उत्तर लिखा।
- पिजा हट की गार्लिक ब्रेड तो बिलकुल इटैलियन नहीं शायद वह
अमेरिकन है- वैक्यू लियोनी ने बात आगे बढ़ाई।
- हाँ मुझे भी वह नहीं पसंद, बस ‘’सिजर्स’’ की ही पसंद है।
- शाबाश! तो क्या आपके शहर में सिजर्स है?
- हाँ हाँ शायद दुनिया के हर शहर में है।
- कभी यूएई के शारजाह वाले सीजर्स में गयी हैं आप? वैक्यू
लियोनी ने पूछा।
- छुईमुई को लगा कि वह पकड़ी गयी। कहीं उसने यह तो नहीं बता
दिया कि वह शारजाह में रहती है... उसने बातचीत को ऊपर स्क्रोल
कर के देखा... अच्छा हुआ अभी तक शहर की बात नहीं हुई। यह बंदा
लगता है ‘सिजर्स’ जाता रहता होगा। फिर उसने बात को सम्हालते
हुए कहा- खेद है कि मुझे शारजाह के सिजर्स में जाने का सौभाग्य
नहीं मिला। क्या आपको वह रेस्त्रां पसंद है?
- आपकी रुचि के अनुसार आपको वहाँ जाना चाहिये। वैक्यू लियोनी
ने सुझाव दिया। फिर कहा- एक बात छूट गयी बीच में... आप अपने
अंकल के बारे में बता रही थीं... क्या वे भी आपके साथ रहते
हैं....
- यह सच में बूढ़ा है इसकी बत्ती अभी तक नहीं जली- छुईमुई ने
सोचा। और टाइप किया- मेरे अंकल गूगल हैं और वे मेरे लैपटॉप में
रहते हैं।
- ओह हा हा हा, अच्छा अच्छा उन्हें तो सदा साथ में रखना ठीक
है। वे तो सारी दुनिया के अंकल हैं।
- बिलकुल... बिलकुल...
- तो आप मिमोसा पौधा हैं? जिसे अंग्रेजी में टच मी नॉट कहते
हैं।
- गूगल अंकल से मदद ले ली?
- जी जी आपके अंकल से...
- मगर मेरे अंकल तो मेरे कंप्यूटर में हैं, आपके कंप्यूटर में
तो आपके ही अंकल होंगे न?
- हाँ यह भी ठीक है। मगर इस विषय में विवाद ठीक नहीं क्योंकि
जैसा मैंने पहले ही कहा, वे तो सारी दुनिया के अंकल है। क्या
मैं पूछ सकता हूँ कि आप किस देश की हैं और कहाँ रहती हैं।
क्योंकि आपके परिचय में तो कुछ अता-पता नहीं है...
- जी जी बिलकुल, मेरा परिचय भी आपके परिचय की तरह खाली है
क्योंकि मैं सबको नहीं बताना चाहती इसीलिये... पर सोचती हूँ कि
आपको बता दूँ- मैं भारतीय हूँ और यूएई में रहती हूँ।
- वाह मुझे विश्वास था कि आप भारतीय ही होंगी।
- वो कैसे?
- भारतीय लोग बहुत तेज़ होते हैं।
- कैसे तेज़?
- टाइपिंग में तेज... गूगल सर्च करने में तेज... बातों की
असलियत निकालने में तेज...
- लगता है आप किसी भारतीय से मिले हैं पहले।
- हाँ मेरा असिस्टेंट भारतीय है। मैं इटैलियन आर्किटेक्ट हूँ
और शारजाह की एक कंपनी में काम करता हूँ। क्या - आप भी शारजाह
में हैं?
- जी नहीं मैं आबूधाबी में हूँ, छुईमुई ने जानबूझकर झूठ बोला।
किसी अजनबी से सच साझा करना ठीक नहीं लगा उसे।
- आबूधाबी शांत शहर है वैक्यू लियोनी ने कहा- एक बात पूछना आप
फिर से भूल गयीं।
- वह क्या? छुईमुई ने पूछा।
- शायद आप जानना चाहती थीं कि मैं पुरुष हूँ या स्त्री।
- हाँ मैं जानना चाहती थी लेकिन मैं समझ गयी कि शेर तो पुरुष
ही होगा। अगर आप महिला होते तो अपना नाम शेरनी रखते।
- हा हा हा मैंने कहा था न कि भारतीय लोग तेज होते हैं। वैसे
अनेक विदेशी लोग जो इटली के न हों मेरे नाम से मुझे स्त्री समझ
लेते हैं।
- वह कैसे?
- सनी लियोनी के कारण। पिछले साल वह जब से ‘’पेंटहाउस पेट ऑफ
दि इयर’’ चुनी गयी तभी से यह नाम लोगों के दिमाग पर है।
- खेद है कि सनी लियोनी और पेंटहाउस पेट ऑफ द इयर के बारे में
मेरी जानकारी नहीं है।
- हाँ ऐसा हो सकता है क्योंकि ‘पैंटहाउस’ पुरुषों की पत्रिका
है। कम महिलाएँ उसके विषय में जानती हैं। जैसे मिस वर्ड या मिस
यूनिवर्स होती हैं वैसे ही पैंटहाउस पत्रिका वाले अपनी पत्रिका
की किसी मॉडल को हर साल सम्मानित करते हैं।
- अच्छी बात है... छुईमुई ने कहा... फिर पूछा- क्या आप विवाहित
हैं और आपकी पत्नी आपके साथ रहती हैं?
- हाँ मैं विवाहित हूँ, मेरी पत्नी इटली में ही रहती है।
सीसिली में अगर आपने कभी यह नाम सुना हो। सिसली के पालेर्मो
नगर में। वे जानीमानी ओपेरा गायिका हैं।
- पालेर्मो काफी अजीब नाम है छुईमुई ने सोचा। रोम, मिलान और
फ्लोरेंस तो सब लोग जानते हैं लेकिन यह नाम? वह कुछ आगे लिखे
उसके पहले ही वैक्यू लियोनी ने बात आगे बढ़ाई-
- यह मध्य सागर के पास है। इसलिये इसकी जलवायु गरम है। शारजाह
जैसी तो नहीं पर बाकी इटली के हिसाब से काफी गर्म। इसलिये यहाँ
के लोग साँवले होते हैं। अगर आप रोमांटिक उपन्यासों की शौकीन
हैं तो अपने पढ़ा होगा एक टॉल-डार्क-हैंडसम नायक के बारे में।
वह सोच इसी प्रान्त के लोगों के कारण हैं। हम लोग वहीं के रहने
वाले हैं। इटली का यह भाग साहित्य, संस्कृति और कला की दृष्टि
से बहुत समृद्ध है।
- अच्छा लगा यह सब जानकर। मेरे लिये यह सबकुछ नया है। क्या आप
भी टॉल, डार्क, हैंडसम हैं।
- मेरे विचार से अगर आप खुश होना चाहती हैं तो ऐसा समझ सकती
हैं। इसमें कोई बुराई नहीं है।
- ठीक है, जबतक हम किसी का मजाक न बनाएँ और किसी को परेशान न
करें तब तक किसी बात में कोई बुराई नहीं।
- सहमत वैक्यू लियोनी ने कहा।
रात के नौ बजने वाले थे। कसबा में शाम रौनक पर थी। अवि का फोन
आया कि वह छुईमुई की पसंद का फिलाफल शावरमा लेकर घर पहुँचने ही
वाला है। अवि यानी छुईमुई का पति अविनाश पटेल। छुईमुई ने
वैक्यू लियोनी से विदा ली और अपना सामान समेटकर पैदल ही
पन्द्रह मिनट में घर पहुँच गई।
इमारात के जीवन में व्यस्तता से बाहर आकर कुछ भी रचनात्मक कर
पाना बहुत कठिन है। मित्र बहुत कम, वह भी ऐसे जिनसे घनिष्टता न
हो सके, छुट्टी इतनी कम कि यात्राओं पर जाना साल में एक या दो
बार ही हो सकता है। शाम का सारा समय टीवी और चाय के साथ अगले
दिन की तैयारी में ही निकल जाता है। कभी-कभी तो सप्ताहांत तक
भी मीटिंग और डेटा एनालिसिस चलते ही रहते हैं। छुईमुई का काम
थोड़ा हल्का है उसे कुछ समय मिलता है। शाम को वह आराम में रहती
है। यही क्या कम है कि उसके पास उसका पति है। आपस में बोलने
वाले दो लोग तो हैं। सारी व्यस्तता के बावजूद दो चार बातें हो
ही जाती हैं लेकिन जिनके पास वह भी नहीं उनका जीवन कैसा होता
होगा पता नहीं। बहुत से लोग अकेले रहते हैं इमारात में। अपने
देश से दूर इमाराती ढँग में अपने जीवन को ढालते हुए।
शावरमा और कॉफी खत्म हो चुके थे। अवि टीवी देख रहे थे। छुईमुई
रसोई को ठीक कर रही थी। रह रह कर वैक्यू लियोनी उसके दिमाग में
घूमता रहा। कौन था वह कुछ पता नहीं चला। जो भी हो मनोरंजक
व्यक्ति था। शायद उसकी रुचि का भी। शायद कभी फिर मिल जाए। शायद
न भी मिले। नाम बदल बदलकर बहुत से लोग घूमते रहते हैं वेब
पर... यह सप्ताहांत नहीं था इसलिये जल्दी ही छुईमुई और अविनाश
टीवी बंद कर के सोने चले गए। काफी देर तक छुईमुई को नींद नहीं
आई।
सुबह आफिस पहुँचकर जब छुईमुई ने अपना लैपटॉप खोला तब उसमें एक
संदेश था- छुईमुई जी आपसे मिलकर अच्छा लगा। क्या आप फिर से
मिलना पसंद करेंगी?
न जाने क्यों छुईमुई को लगा कि उसका दिन बन गया। कुछ खुशी हुई,
कुछ असमंजस कि पता नहीं बात करनी चाहिये या नहीं, फिर सोचा-
देखा जाएगा।
आफिस का समय अच्छा गुजर गया। शाम को ठीक छह बजे वह अल्फ्रादो
के सामने उसी जगह पर थी जहाँ पिछले एक महीने से उसने अपनी जगह
बना रखी थी। कैपीचीनो का बड़ा कप अपने सामने रखकर उसने लैपटॉप
खोल दिया, औरकुट क्लिक किया और वैक्यू लियोनी को ऑनलाइन पाया।
- चाओ, उसने वैक्यू लियोनी को संदेश भेजा।
जवाब आया- साल्वे साल्वे, लगता है कि आप आज इटैलियन भाषा सीखकर
आयी हैं।
- नहीं मुझे तो बस एक ही शब्द मालूम था और साल्वे का मतलब भी
नहीं मालूम है।
- साल्वे का मतलब भी चाओ ही है वैक्यू लियोनी ने कहा।
हालाँकि छुईमुई को विश्वास नहीं था इसलिये उसने यह शब्द भी
गूगल ट्रांसलेट में डाल दिया। पर इस बार वह सही था।
- आपको मेरा संदेश मिला होगा?
- हाँ मिला।
- कब देखा मेरा संदेश?
- सुबह ही देख लिया था।
- आपने कोई उत्तर नहीं दिया, मुझे डर था कि आज भेंट नहीं हो
सकेगी।
- मैं कुछ व्यस्त थी और निश्चित नहीं कर पा रही थी कि क्या
उत्तर लिखूँ इसलिये उत्तर नहीं दिया।
- शायद एक बार और मिलने की उत्सुकता आपकी ओर से, मेरी जितनी न
भी हो... या हो सकता है कि आप अपनी उत्सुकता को छुपाना चाहती
हों।
- हाँ ऐसा हो सकता है, यह स्वाभाविक है।
- मैं आपकी बात मान लूँगा।
- धन्यवाद।
- आप संभ्रान्त महिला लगती हैं, और मुझे पता है कि महिलाओं से
उनकी उम्र नहीं पूछनी चाहिये फिर भी क्या आप अपनी उम्र बताना
पसंद करेंगी ताकि मैं उसी के अनुसार आपसे बात कर सकूँ।
- मैं अपनी उम्र के चालीसवे दशक में हूँ छुईमुई ने बिना ज्यादा
सोचे सच लिख दिया।
- चालीसवाँ दशक इनसान का सबसे बेहतरीन समय होता है, न बचपन की
बेवकूफियाँ न बुढ़ापे की दुश्वारियाँ... क्या आप भी ऐसा सोचती
हैं?
- शायद मैं ऐसा नहीं सोचती, मैं सोचती हूँ कि हर उम्र की अपनी
बेवकूफियाँ और दुश्वारियाँ होती हैं। हर दिन हम उनसे सामंजस्य
बिठाने की कोशिश में लगे रहते हैं। आप क्या सोचते हैं?
- मैं आपकी बात से सहमत होना पसंद करूँगा।
- आपने अपनी उम्र नहीं बताई...
- मेरी उम्र का क्या पूछना? मैं तो बूढ़ा शेर हूँ और... बूढ़ा
शेर आखिर बूढ़ा ही होता है। अरबी में एक कहावत है कि बूढ़े
लोगों का तजुर्बा जवान लोगों के बहुत काम आता है... क्या आप
इससे सहमत हैं?
- आप अरबी हैं या इटैलियन? छुईमुई को फिर शंका ने घेरा...
- मैं इटैलियन हूँ लेकिन मैं बहुत सालों से शारजाह में हूँ।
लगभग बीस सालों से... जब शारजाह इतना विकसित नहीं था तभी से...
इसलिये मुझे काफी अरबी आती है। मेरी कंपनी के स्पांसर अरबी हैं
और कुछ काम करने वाले भी, इसलिये उनके साथ बात करते हुए अरबी
सीखना आसान हो गया।
लानत है मुझपर छुईमुई ने सोचा, दस साल तो उसे भी हो गए इमारात
में चार छह वाक्यों से ज्यादा अरबी सीख ही नहीं पाई। और इस
बूढ़े शेर को देखो इटैलियन, अंग्रेजी, अरबी... यह भाषाओं के
मामले में होशियार होगा। उसने पूछा- आपने अपने असिस्टेंट से
हिंदी नहीं सीखी?
- नहीं, उसे हिंदी आती ही नहीं वह अंग्रेजी, अरबी और मलयाली
बोलता है। वह केरल से है। आप भारत के किस प्रांत से हैं?
- मैं उत्तर प्रदेश से हूँ और मेरी मातृभाषा हिंदी है।
- बहुत खूब, क्या आप वाजिद अली शाह के शहर लखनऊ से हैं?
- आपने ठीक पहचाना लेकिन वाजिद अली शाह में आपकी रुचि कैसे
हुई?
- एक समय में मुझे भारतीय इतिहास में काफी रुचि थी। बल्कि
इतिहास में नहीं मुगलई भोजन में...उस समय मैं लखनऊ के बारे में
बहुत कुछ पढ़ता रहता था। और कभी-कभी ऐसे लोग जीवन में मिलते
हैं जिनके कारण हम उनकी भाषा या उनसे संबन्धित चीजों के विषय
में जानकारी रखना पसंद करते हैं। है कि नहीं?
- आप ठीक कह रहे हैं।
- तो मैं कल से फिर से भारत के बारे में कुछ न कुछ पढ़ता रहा
हूँ।
- बहुत मेहरबानी आपकी। मुझे खुशी हुई।
- क्या आपको मुगलई भोजन पसंद है? और क्या आप मुगलई भोजन पकाती
हैं?
- मैं शाकाहारी हूँ और मुगलई भोजन में अधिकतर माँसाहारी व्यंजन
होते हैं। पर हाँ लखनऊ की निवासी होने के कारण मैं कुछ
शाकाहारी मुगलई व्यंजन बनाती हूँ।
- जैसे?
- जैसे शाही टुकड़ा, पनीर कुलचा या खोया मटर।
- वाह वाह क्या बात है। कुलचा तो बहुत कुछ पारंपरिक इटैलियन
पीत्जा बेस जैसा है।
- लगता है कि आप भारतीय व्यंजनों के शौकीन हैं। मुगलई भोजन के
लिये शारजाह में कौन सा रेस्त्राँ आपको पसंद है?
- मैंने बस ‘’इंडिया मसाला’’ और ‘’गजीबो’’ ही देखे हैं। मुझे
‘’गजीबो’’ काफी पसंद आया विशेष रूप से इसलिये क्योंकि वे मिर्च
की मात्रा आपकी सुविधा के अनुसार सही कर देते हैं।
- मैं समझ सकती हूँ क्योंकि इटैलियन लोगों को मिर्च की आदत
नहीं होती हैं।
- यह धारणा सही नहीं है, भर-भर के मिर्च के फ्लेक्स डालते हैं
वे पीत्जा के ऊपर...
- सच में? मेरे लिये तो यह बात नयी है। मुझे तो लगता है कि
सिर्फ भारतीय उप महाद्वीप के लोग ही मिर्च पसंद करते हैं।
- चलिये मेरी दोस्ती ने आपको कुछ नया सिखा दिया। अगर आप इसे
दोस्ती कह सकें...
- मैं इसे दोस्ती मान लूँगी अगर यह एक सप्ताह तक चल सके।
- मैं इसे कम से कम एक सप्ताह तक चलाने की पूरी कोशिश करूँगा।
- आपका स्वागत है।
- और अगर हम एक सप्ताह तक दोस्त बने रहे तो हम विदा लेते समय
कहेंगे- अदीओ अमीको चाओ (विदा दोस्त, बाय)
- पक्का, छुईमुई ने कहा...
नौ बजने वाले थे, विदा का समय आ गया। दोनो ने बातचीत से विदा
ली, बिना अदीओ अमीको चाओ कहे हुए... अभी वे दोस्त नहीं बने थे।
लेकिन यह वादा पक्का रहा कि वे अगले दिन मिलने वाले हैं। आज
छुईमुई के दिल में शंका या असमंजस जैसा कुछ नहीं था। खुशी थी,
इतमीनान था। कल मिले भी तो बात क्या करेंगे यही सोच रही थी। घर
पहुँचकर सारे काम पूरे कर के जब वह सोने जाने लगी तब उसमें मन
में आया कि क्यों न एक बार औरकुट चेक किया जाय, क्या पता आज भी
कोई संदेश हो।
उसने लैपटॉप खोला और संदेश दिख गया- मुझे आपकी दोस्ती अच्छी
लगी छुईमुई। कल प्रतीक्षा करूँगा। अदीओ अमीको चाओ और उसके बाद
दो स्माइली।
छुईमुई के ओंठों पर मुस्कान आ गयी और उसने टाइप किया- ठीक है,
अदीओ अमीको चाओ, और वह लैपटॉप बंद कर के सोने चली गयी।
अगले दिन ऑफिस के बाद जब छुईमुई ने शाम को कसबा के अपने
निश्चित कोने पर व्यवस्थित होकर लैपटॉप खोला तब औरकुट पर एक
संदेश था- आपके संदेश का शुक्रिया, हाँ मुझे वे दो स्माइली
नहीं मिले जो किसी भारतीय देवी के चेहरे पर होने चाहिये। मैं
इस मुसकान की प्रतीक्षा में हूँ।
यह संदेश वैक्यू लियोनी ने पाँच मिनट पहले ही टाइप किया था।
छुईमुई ने दो स्माइली बना दिये।
- स्वागत है आपका वैक्यू लियोनी ने कहा।
- क्या आपका शाम का समय हमेशा फुरसत का होता है? छुईमुई ने
पूछा।
- हाँ अधिकतर, पर आज मुझे मसराह अल कसबा में एक इटैलियन नाटक
देखने जाना था अगर आपसे दोस्ती न हुई होती तो पक्का चला जाता
मगर मैंने सोचा कि कल सुबह वाले शो में चला जाऊँगा। आज की डेट
तो आपके साथ पहले से निश्चित हो गयी थी।
मसराह अल कसबा यानि कसबा में स्थित मसराह थियेटर। जहाँ छुईमुई बैठी
है वहाँ से उस ओर जाने वाला रास्ता दूर से दिखाई देता है। बार
बार उसकी नजर उस ओर उठ जाती। कभी लगता कि कहीं ऐसा न हो कि
वैक्यू लियोनी अल्फ्रादो में ही उपस्थित हो... किसी दूसरी मेज
पर उसी की तरह... उसने हर तरफ नजर दौड़ाकर देखा लेकिन उसे उसकी
बताई गयी रूपरेखा वाला कोई व्यक्ति दिखाई नहीं दिया।
- वायदा निभाने के लिये धन्यवाद। लगता है आपको नाटकों में रुचि
है। छुईमुई ने पूछा।
- हाँ मैं एक सांस्कृतिक रुचि वाला भद्र पुरुष हूँ। मुझे
साहित्य, संगीत, कला से लगाव है।
- क्या आप चित्रकार भी हैं?
- मैं चित्रकारी तो नहीं करता लेकिन आर्ट वर्कशॉप और
प्रदर्शनियों में जाना मेरा शौक है।
- तो फिर आपको यह भी मालूम होगा कि अल मराया में आजकल क्या चल
रहा है।
- हाँ मुझे मालूम है कि वहाँ महिला कलाकारों की एक
अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी चल रही है। बहुत से देशों से एक-एक
कलाकार आयी हुई हैं। भारत से भी एक कलाकार आई हुई हैं। मेरी
उनसे भेंट नहीं हुई। दुर्भाग्य से जिस समय मैं वहाँ था उस समय
वे उपस्थित नहीं थीं। कहीं आप वही तो नहीं हैं?
- नहीं नहीं मैं चित्रकार नहीं हूँ मैं तो डेटा अनालिस्ट हूँ।
- ठीक है पर डेटा अनालिस्ट की भी कुछ कलात्मक अभिरुचियाँ हो
सकती हैं।
- हाँ मुझे सभी चीजों का थोड़ा-थोड़ा शौक है और जब भी समय मिले
मैं ऐसी जगहों पर जाना पसंद करती हूँ। लेकिन इस प्रदर्शनी के
बारे में मुझे समाचार पत्र से पता चला था।
- अच्छा तो क्या आप इन चित्रकार महिला से परिचित हैं? रुकिये
मैं ब्रोशर देखकर बताता हूँ उनका नाम… हाँ उनका नाम है- गोगी
सरोज पाल- वे न्यूड पेंट करती हैं। इसलिये उनका एक ही चित्र
प्रदर्शित किया गया था, जिसमें न्यूडिटी नहीं थी। आप जानती
होंगी कि शारजाह में न्यूड फोटोग्राफी या चित्रकला को
प्रदर्शित नहीं किया जा सकता।
- हाँ मैंने सुना है कि ऐसा है। उनको पहले से इस विषय में
जानकारी नहीं रही होगी।
- जरूर ऐसा ही हुआ होगा।
अविनाश का फोन आया कि वह ऑफिस से घर की ओर निकल चुका है।
छुईमुई ने टाइप किया- मेरा जाने का समय हो गया है। संभव हुआ तो
कल बात करेंगे।
वैक्यू लियोनी ने कहा- ठीक है, कल मिलेंगे, अदीओ अमीको चाओ।
छुईमुई ने टाइप किया- क्या आपको नहीं लगता कि आपकी इटैलियन
भाषा स्पैनिश से कुछ उधार ले रही है?
- मैं समझा नहीं
- यही कि यह स्पैनिश के एडिओस एमिगो बाय (विदा दोस्त बाय) का
रूपांतरण मालूम होता है।
- तो क्या आप स्पैनिश जानती हैं?
- नहीं मैं तो सिर्फ एमिगो चिप्स खाती हूँ जो स्पैनिश ब्रांड
के हैं उनके ऊपर एडिओस एमिगो लिखा रहता है।
- हा हा यह काफी रोचक है। मैंने भी सुपर मार्केट वे टोरटिला
चिप्स देखे हैं।
- अरे मुझे तो घर के लिये निकलना था, तो मैं अब चलूँगी- अदीओ
अमीको चाओ।
अगले दिन छुईमुई को कसबा जाने में कोई रुचि नहीं महसूस हुई। वह
ऑफिस से सीधे फ्लैट पर आई और औरकुट में संदेश चेक किया। फिर तो
यह दिनचर्या हो गयी। वह कार्यालय से सीधे फ्लैट पर लौटती और
औरकुट दोस्ती का सिलसिला आगे बढ़ता, जो अविनाश का फोन आने पर
ही खत्म होता। जब अविनाश दुबई से चलते समय फोन करता तभी वह बात
को समेटना शुरू करती। कार्यालय से कसबा जाने का समय और कसबा से
फ्लैट तक आने का समय भी औरकुट की बातों के समय में मिल जाता।
जाने कितने दिन इसी तरह बीत गए शायद कई महीने। डेटा अनालिस्ट
की दुनिया साहित्य, संगीत और कला की दुनिया से समृद्ध हो रही
थी। समय सुविधाजनक तरीके से बीत रहा था। दोनो अच्छे दोस्त बन
गए थे। सप्ताहांत के दो दिन छोड़ दें तो हर दिन बात करते
हुए... एक दूसरे की सभ्यता संस्कृति से पहचान बनाते हुए...एक
दूसरे को अपनी जानकारी से समृद्ध करते हुए... हिंदी में कहें
तो... आप से तुम पर आते हुए। हाँलाकि जिस भाषा में वे बात करते
थे उसमें ‘तुम’ के लिये कोई शब्द न था।
जहाँ एक ओर छुईमुई का खाली समय वैक्यू लियोनी के साथ बीत रहा
था वही दूसरी ओर अविनाश अपने काम में अधिक से अधिक व्यस्त होता
जा रहा था।
इस व्यस्तता ने उसे एक दिन इतना अस्वस्थ कर दिया कि काम से
छुट्टी लेनी पड़ी। उसका ब्लडप्रेशर हाई था और बुखार बहुत तेज।
तुरंत अविनाश को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। दो दिन लग गए
उसे सामान्य होते... डाक्टर ने उन्हें घर भेजते हुए सलाह दी-
थोड़ा आराम करें... संतुलित भोजन करें और स्वास्थ्य का ध्यान
रखें। अविनाश प्रतियोगिता की दौड़ में जितनी तेजी से दौड़ना
चाहता था, उसका शरीर उतना साथ नहीं दे रहा था।
इस कंपनी के अपने दस साल के कार्यकाल में ही वह सबसे ऊँचे पदों
में से एक पर था। पर पैसा और पद ही सब कुछ नहीं होता। ऐसा लगता
था जैसे उसकी पसंद का सबकुछ उससे छिना जा रहा है। अविनाश को
कार ड्राइव करना पसंद है और पीछे की सीट पर बैठना नापसंद।
लेकिन आज वह कार ड्राइव नहीं कर पा रहा था। कंपनी का ड्राइवर
आगे की सीट पर था। पति पत्नी पीछे की सीट पर थे। चुप थे। जैसे
किसी ने धकेलकर उन्हें पीछे कर दिया हो... जैसे किसी तूफान से
बचकर वापस लौटे हों... ऐसा तूफान जिसमें जीवन का एक अध्याय
समाप्ति की ओर था और दूसरा शुरू होने वाला स्वीकार करना
मुश्किल लग रहा था।
ऊँचे पदों पर छुट्टी लेना आसान नहीं होता। अविनाश को दो-तीन
दिन बाद काम पर लौटना जरूरी था। छुईमुई ने यह कहना जरूरी समझा
कि अगर अविनाश घर से टिफिन ले जाना चाहे तो वह खाना पैक कर के
दे सकती है। घर में खाना बहुत कम बनता था शायद सप्ताह में दो
दिन... अविनाश को घर से टिफिन ले जाना पसंद तो नहीं था पर उसने
अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए हाँ कह दी।
इस बीच छुईमुई को लैपटॉप खोलने का समय ही नहीं मिला। तीन दिन
बाद जब उसने लैपटॉप खोला तब उसमें तीन संदेश थे- आप कहाँ हैं
छुईमुई मैं आपकी प्रतीक्षा में हूँ।
दूसरा संदेश दूसरे दिन भेजा गया था- छुईमुई मुझे आप आज भी
दिखाई नहीं दे रही हैं। मैं चिंतित हूँ। आप स्वस्थ तो हैं?
तीसरा संदेश तीसरे दिन शाम को भेजा गया था- छुईमुई अगर आप किसी
परेशानी में हैं तो मुझसे साझा कर सकती हैं, शायद मैं कुछ मदद
कर सकूँ।
छुईमुई की आँखें नम हो गयीं। उसने संदेश लिखा- मैं सचमुच
परेशानी में थी।
और फिर चौथा संदेश पहुँचा- क्या हुआ छुईमुई?
- जीवन में कभी कभी ऐसे कठिन मोड़ आते हैं कि गाड़ी को
सुरक्षित यहाँ से कैसे निकाला जाए समझ में नहीं आता।
- शायद आप अपनी परेशानी साझा नहीं करना चाहती। कोई बात नहीं।
बस यह बता दें कि अब, जबकि आप अपने जीवन का लगभग आधा हिस्सा
पार कर चुकी हैं, क्या आपकी कोई इच्छा है जो पूरी नहीं हुई या
कभी जीवन में कोई ऐसी कमी महसूस होती है जो न होती तो अच्छा था
या फिर क्या आपको लगता है कि काश ऐसा होता तो मेरा जीवन बहुत
बेहतर हो सकता था...
एक पल को छुईमुई ने कुछ सोचा फिर लिखा- मेरा जीवन काफी सफल रहा
है। मेरे पति एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में उच्च पद पर हैं। ऐसी
कोई बात नहीं कि कमी कह सकूँ, लेकिन उनकी व्यस्तता उनके
स्वास्थ्य पर भारी पड़ रही है। अभी तक मैं समझती थी कि उन्हें
अधिक काम करने से रोकना उनकी प्रगति में बाधा डालना है लेकिन
अब एक कठिन निर्णय का समय आ पहुँचा है। कंपनी उन्हें लंबी
छुट्टी नहीं देगी और नौकरी छोड़कर तुरंत भारत वापस चले जाना भी
संभव नहीं है। कोई रास्ता नजर नहीं आता।
एक पल को दूसरी तरफ सन्नाटा रहा। फिर संदेश आया- अगर आप ठीक
समझें तो बता सकती हैं कि आपके पति किस कंस्ट्रक्शन कंपनी में
काम करते हैं।
- वे इमार में हैं?
- इमार, आबूधाबी में?
- नहीं दुबई में।
- अगर आप उनका नाम पद और विभाग बता सकें तो मैं मदद करने की
कोशिश कर सकता हूँ?
- छुईमुई ने लिखा- अविनाश पटेल, मैनेजर सेल्स, हेड ऑफिस ।
- मैं देखता हूँ अगर वहाँ मैं किसी को जानता हूँ तो...
- धन्यवाद, छुईमुई ने कहा। वे लोग आज अदीओ अमीको चाओ कहना भूल
गए। स्माइली बनाने का तो यह अवसर था ही नहीं।
अगले दिन ऑफिस से लौटते हुए जब छुईमुई अपनी बिल्डिंग के पास
पहुँची तो उसने अविनाश को कार पार्क करते देखा। यानि वे भी दो
पल पहले ही पहुँचे थे।
- अरे आज जल्दी?
- हाँ बॉस ने मुझे बुलाया। एक सप्ताह की छुट्टी मिल गयी है।
शायद वे मेरा ट्रांसफर किसी दूसरे विभाग में कर देंगे, जिसमें
इतना टेंशन न हो और मैं घर जल्दी लौट सकूँ। ईश्वर ने बड़ी मदद
की।
छुईमुई ने मन ही मन वैक्यू लियोनी को धन्यवाद कहा। और पूछा-
क्या तुम्हारा बॉस कोई इटैलियन है।
- नहीं, तुम मिली तो हो वह भारतीय है सुभाष जैन।
छुईमुई सोचने लगी- वैक्यू लियोनी नामक जिस व्यक्ति से वह बात
करती रही है वह कौन हो सकता है। उसने कहा था कि वह आर्किटेक्ट
है... आर्किटेक्ट लोगों का कंस्ट्रक्शन कंपनी वालों से संपर्क
रहता है। क्या पता वह कंपनी के मालिक या अन्य किसी का मित्र हो
जिसके द्वारा सुभाष जैन को प्रभावित किया जा सके...
रात को सारा काम खत्म करने के बाद छुईमुई का मन हुआ कि वह एक
बार वैक्यू लियोनी के लिये औरकुट पर धन्यवाद का संदेश छोड़ दे।
उसने लिखा- बहुत बहुत धन्यवाद दोस्त, मैं आज एक झूठ सुधारना
चाहती हूँ। मैं आबूधाबी नहीं, शारजाह में रहती हूँ। मैं और
मेरे पति आपसे मिलकर आपको धन्यवाद कहना चाहते हैं। अगर आप ठीक
समझें तो हम अपने मुखौटे उतारकर सामान्य रूप से भेंट करें।
संदेश भेजकर छुईमुई सोने चली गयी।
सुबह काफी व्यस्तता में बीती। शाम को आफिस के बाद घर लौटकर उसे
औरकुट चेक करने का विचार आया- शायद वहाँ कोई संदेश हो-
और वहाँ एक संदेश था- छुईमुई, मुझे खुशी है कि मैं आपके लिये
कुछ कर सका। आशा है आप खुश होंगी। मुझे कुछ काम से कल ही सिसली
के लिये रवाना होना है। लगता है कि जल्दी लौटना न हो सकेगा।
वहाँ व्यस्तता बहुत होगी
इसलिये औरकुट पर आना भी संभव नहीं
होगा। इटली के लोगों को मुखौटे बहुत पसंद हैं। शायद आपने
कार्निवाल ऑफ वेनिस का नाम सुना होगा। यह पर्व ही मुखौटों का
पर्व है। मुखौटों से जीवन में सौंदर्य बना रहता है। इसलिये
मुखौटों से बाहर आने की बात सोचने का कोई अर्थ नहीं।
छुईमुई ने एक संदेश लिखा- मैं आपकी बात का विरोध नहीं करूँगी।
आपके सहयोग के लिये हार्दिक आभार। यह उपकार कभी नहीं भूलूँगी।
पता नहीं वैक्यू लियोनी ने वह संदेश देखा या नहीं लेकिन अगले
दिन जब फिर से छुईमुई ने औरकुट पर चेक किया तो वैक्यू
लियोनी नाम का कोई अकाउंट वहाँ नहीं था।
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