मुखपृष्ठ

पुरालेख-तिथि-अनुसार -पुरालेख-विषयानुसार -हिंदी-लिंक -हमारे-लेखक -लेखकों से


लघुकथाएँ

लघुकथाओं के क्रम में महानगर की कहानियों के अंतर्गत प्रस्तुत है
नंदलाल भारती की लघुकथा- लैपटॉप


तालियों की गड़गड़ाहट से सभाकक्ष गूँज रहा था। विक्रय प्रतिनिधियों के मुखिया वे कई शुभ समाचार सुनाने के बाद, सूचना क्रान्ति पर प्रतिनिाधियों का ध्यान आकर्षित करते हुए बोले,

"आज सूचना क्रान्ति का महत्त्व शहर गाँव खेत खलिहान तक दिखायी पड़ने लगा है। इसका फायदा हमारी कम्पनी को भी हुआ है। सूचनाक्रान्ति के महत्व को कम्पनी के आलाअफसरों ने बारीकी के साथ समझा है और आप लोगों को एक तोहफा शीघ्र देने की कार्रवाई शुरू कर दी है। उम्मीद है इस तोहफे से आपका और आसान हो जायेगा।"

तोहफे की बाद सुनकर विक्रय प्रतिनिधियों के मन में गुदगुदी सी होने लगी। प्रतिनिधि प्ररसाद बाबू बोले,
"
साहब क्या तोहफा मिलने वाला है?"
"लैपटाप।"

एक बार सभाकक्ष तालियों की गड़गड़ाहट से नहा उठा। इसी बीच प्रतिनिधि कन्हैया जी ने सभाकक्ष से बाहर निकल कर अपने आवास पर फोन लगा दिया। फोन पर पत्नी राधिका की आवाज सुनकर बोले,
"राधे मैडम बधाई हो।"
"किस चीज की बधाई?"
"अरे भागवान लेपटाप कम्पनी की ओर से मिल रहा है। बेबी कहाँ है?"

राधिका ने बेबी को फोन थमाते हुए कहा, "लो बेबी पापा से बात कर लो।"
"पापा लैपटाप की बधाई।"
"बेबी आपको भी........
पापा लेपटाप का क्या करेंगें?"
"बेबी गेम खेलना और क्या?"

६ जून २०११

1

1
मुखपृष्ठ पुरालेख तिथि अनुसार । पुरालेख विषयानुसार । अपनी प्रतिक्रिया  लिखें / पढ़े
1
1

© सर्वाधिका सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक
सोमवार को परिवर्धित होती है।