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						शिशु का ५०वाँ सप्ताह 
						
                      
                      — 
						इला 
						गौतम 
                       
						
						दाँतों की जाँच 
						 
						अब समय है बच्चे के कामों की सूचि में एक और नया काम 
						जोड़ने काः शिशु की दाँत के डॉक्टर से पहली जाँच। अमेरिकन 
						अकादमी आफ़ पीडियैट्रिक डेन्टिस्ट्री और अमेरिकन डेन्टल 
						असोसिएशन यह सलाह देते हैं कि इस उम्र में शिशु के लिए एक 
						"दंत घर" की स्थापना करें। (दंत घर इसलिये कि वह क्लीनिक 
						ऐसा हो जहाँ शिशु जाना पसंद करे। घबराए नहीं।) वे कहते हैं 
						कि पाँच साल की उम्र तक ४० प्रतिशत बच्चों के दाँत सड़ने 
						लगते हैं, और बच्चों के दाँत सड़ने का दर तीस सालों में उस 
						तरह नही घटा है जिस तरह स्थायी दाँत सड़ने का दर घटा है।
						 
						 
						दाँत के डॉक्टर के साथ यह पहली मुलाकात शिशु की दाँतों की 
						सेहत की आधार रेखा स्थापित करेगी। दाँतों का डॉक्टर वह सभी 
						बिमारियों या समस्याओं का पता लगा सकता है जिससे शायद आपके 
						शिशु का डॉक्टर चूक गया हो। यह एक अच्छा मौका होता है दाँत 
						के डॉक्टर को आपको बताने का कि शिशु के आने वाले दाँतों की 
						देखभाल कैसे की जाए, उन्में कीड़े लगने से कैसे बचाया जाए, 
						और फ्लूराईड की सही मात्रा ग्रहण की जाए यह सुनिश्चित 
						करना। आप बच्चों को अपने दाँतों के डॉक्टर के पास भी ले जा 
						सकते हैं या फिर एक बाल चिकित्सक या दंत चिकित्सक भी चुन 
						सकते हैं - एक विशेषज्ञ शिशु-अनुकूल चिकित्सालय के साथ, और 
						जो शिशु को आरामदायक और शाँत रखने में माहिर हो। ताकि शिशु 
						इस देखभाल से डरे या घबराए नहीं। 
						 
						घर पर शिशु के दाँत साफ़ करना जारी रखें। तीसरी दाढ़ (जो 
						दाँत सबसे पीछे होते हैं) आने तक टूथ-ब्रश इस्तेमाल करना 
						आवश्यक नही है। यह लगभग बीस या तीस महीने की उम्र के बीच 
						आएँगे। तब तक, केवल रात को सोने से पहले शिशु के दाँत एक 
						साफ़ मलमल के कपड़े में पानी लगाकर पोंछ दें। (जब आप यह 
						काम कर रहे हों तब शिशु का ध्यान बाँटने के लिए उसे 
						टूथ-ब्रश हाथ में पकड़ा दें।)  
						 
						आपको टूथ-पेस्ट की भी आवश्यक्ता नही है। हालाकि अगर आप 
						चाहें तो फ़्लूराईड-फ़्री टूथ-पेस्ट का इस्तेमाल कर सकते 
						हैं। लेकिन ध्यान रखें कि फ़्लूराईड वाला टूथ-पेस्ट शिशु 
						के सामान्य दिनचर्या में कम से कम दो वर्ष की आयु तक न 
						शामिल करें।  
						खेल खेल खेल-
						 
						
							- 
							
							पानी का रंग- यह खेल 
							आपको बहुत काम आएगा जब अगली बार आपको बाहर कोई काम 
							करना हो। यह शिशु को बहुत समय तक लीन रखेगा - 
							चित्रकारी की सूक्ष्म तंत्र कौशल का विकास करते हुए, 
							वो भी बिना गँदगी फैलाए! 
							इस खेल के लिए हमें 
							चाहिए कुछ सस्ते पेन्ट-ब्रश और एक छोटी सी खिलौने वाली 
							बाल्टी, या कटोरे में पानी। बाहर किसी छोटी बाल्टी या 
							एक कटोरे में पानी भर दें और शिशु को ढ़ेर सारे असली 
							पेन्ट-ब्रश (बाल वाले या फ़ोम वाले) दे दें। शिशु को 
							ऐसे बिठाएँ ताकि वह या तो किसी दीवार या किसी फ़र्नीचर 
							के आगे बैठा हो जैसे स्टूल या बैन्च। फिर शिशु को 
							दिखाएँ कि कैसे उसे पानी से पेन्ट किया जाता है। यदि 
							शिशु का ब्रश जो पेन्ट करना है उसके अलावा सब जगह जा 
							रहा है तो चिन्ता न करें; अन्त में शिशु को बहुत गर्व 
							महसूस होगा कि वह आपकी इतना ज़रूरी काम करने में मदद कर 
							रहा है। 
							इस 
							खेल से शिशु के हाथ और आँख का समनवय भी विकसित होता 
							है।  
						 
                      
						याद रखें, हर बच्चा अलग होता है 
						
						  
						सभी 
						बच्चे अलग होते हैं और अपनी गति से बढते हैं। विकास के 
						दिशा निर्देश केवल यह बताते हैं कि शिशु में क्या विकास 
						होने की संभावना है - यदि अभी नही तो बहुत जल्द। ध्यान 
						रखें कि समय से पहले पैदा हुए बच्चे सभी र्कियाएँ करने में 
						ज़्यादा समय लेते हैं। यदि माँ के मन में बच्चे के स्वास्थ 
						या विकास से सम्बन्धित कोई भी प्रश्न हो तो उसे अपने स्वास्थ्य केंद्र 
						की सलाह लेनी चाहिए। 
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