| मिट्टी 
						के पात्रों को जीवन के अनेक रूपों में ढाला जा सकता है। 
						दो पात्रों के ऊपर शीशा रख कर मेज़ बनाई जा सकती है, दीवार 
						पर टाँगा जा सकता है, फूलदान या कलमदान का रूप दिया जा 
						सकता है, हिरण्यगर्भ स्वरूप को ध्यान में रखते हुए 
						प्रकाशस्तंभ बनाया जा सकता है या फिर किसी बेजान और उदास 
						कोने में जान डाल कर उसे कलात्मक रूप दिया जा सकता है।
                         आपकी 
						कल्पना की उड़ान के लिए एक चित्र संलग्न है। तो इस बार जब 
						माटी आपको पुकारे -ठिठक कर खड़े न रहें - हाथ बढ़ाएँ - 
						अपनाएँ और साथ निभाएँ। यकीन मानिये आप घाटे में नहीं 
						रहेंगे।  |