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दो पल

अभिव्यक्ति दो साल की
-अश्विन गांधी

पलकों में साल बीत गया
अभिव्यक्ति दो साल की हो गई।
वसंत आया आयी गरमी
बारिश हुई सर्द भी हो गई।
जहाँ भी रहे जिस हाल में रहे
साथ रही हिंदी रहा दिल हिंदुस्तानी।
पुराने साथी साथ रहे
नये साथी बनते गये।
कारवाँ बढ़ता गया
राहे मंज़िल बनती रही।
तमन्ना रही उस खुशी की
जो बाज़ार में बिकती नहीं।
दिल दरिया बना है आज
खुशी खुशी लहर लहर।
दो साल की अभिव्यक्ति
प्यारी बच्ची कितनी प्यारी

प्यारी बच्ची
कितनी प्यारी लगती हो
बाल सुनहरे तुम्हारे
गालों में लाली
आँखो में चमक
बताओ
क्या सोच रही हो?

सोचती हूँ
मुझ से कोई
बात करे।

प्यारी बच्ची
कितनी प्यारी लगती हो
छोटी सी आयु में
बड़ी समझ पायी है
चलो साथ
थामो हाथ
बग़ीचे की
सैर करें।

कितनी सुंदर
कितनी मासूम
कितनी प्यारी लगती हो
प्यारी बच्ची
क्या नाम है तुम्हारा?

नाम है मेरा अभिव्यक्ति
मेरी एक बहन है
नाम उसका अनुभूति।

कौन बड़ा
और कौन छोटा
प्यारी बच्ची?

आयी मैं पहले
मगर
बड़े छोटे का सवाल नहीं
कभी मैं बड़ी
कभी वो
साथ साथ खेलते हैं
सोच नहीं आती
कौन आगे
और कौन पीछे।

बग़ीचे में यहाँ
फूल खिले हैं
कित कितने रंग के
फूल खिले हैं
बताओ
प्यारी अभिव्यक्ति
कौन सा रंग
तुम्हे पसंद है?

फूल मुझे
बहुत प्यारे लगते हैं
वैसे तो सब रंग पसंद है
मगर
पीला मेरा प्यारा है।

प्यारी बच्ची
बड़ी खुश
नज़र आ रही हो
क्या बात है?

आज मेरा
जन्म दिन है
हो गई मैं
दो साल की।

कितनी सुंदर
कितनी मासूम
प्यारी बच्ची
कितनी प्यारी लगती हो

लंबी आयु बने तेरी

मधुर मुस्कान वाली
जन्मदिन हो मुबारक

पीले फूलो वाली।


१६ अगस्त २००२     

 

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