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कलम गही नहिं हाथ

 इमारात के अनोखे मरुस्थल

यह सच है कि संयुक्त अरब इमारात का ८० प्रतिशत हिस्सा अभी भी रेगिस्तान है, लेकिन रेगिस्तान का आकर्षण कुछ ऐसा है कि दुनिया भर के पर्यटक यहाँ खिंचे चले आते हैं। इन रेगिस्तानों के कारण ही यूएई पर्यटकों से बड़ी मात्रा में राजस्व उगाहता है।

जिन लोगों ने इमारात नहीं देखा है वे यह सोचते हैं कि संयुक्त अरब इमारात में सिर्फ रेत ही रेत है और जिन्होंने इमारात देखा है वे सोचते हैं कि इमारात में सिर्फ बगीचे और शानदार इमारते हैं। जिन लोगों ने रेगिस्तान में सफारी की है उन्हें लगता है कि इमारात ने मनोरंजन के लिये एक टुकड़ा रेगिस्तान बनाया हुआ है, लेकिन सच्चाई यह है कि इमारात ने अपने रेगिस्तान के २० प्रतिशत हिस्से को सुंदर शहरों में परिवर्तित कर लिया है, जबकि ८० प्रतिशत भाग २,३३०,००० वर्ग किलोमीटर (९००,००० वर्ग मील) के क्षेत्रफल में फैला हुआ दुनिया का पाँचवाँ सबसे बड़ा और एशिया में सबसे बड़ा रेगिस्तान है।

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पाँच बहुत विशाल रेतीले रेगिस्तानों का घर है।

१. रब अल खली - जिसे ग्रेट सैंडी डेजर्ट के नाम से भी जाना जाता है, लगभग २५०,००० वर्ग मील के क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा रेत का रेगिस्तान है। यह संयुक्त अरब इमारात के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में, अबूधाबी में स्थित है और सऊदी अरब, ओमान तथा यमन जैसे अन्य अरब देशों तक फैला है। इसे विश्व के सबसे महत्वपूर्ण रेगिस्तानों में से एक माना जाता है, क्योंकि इसकी रेत के नीचे तेल और प्राकृतिक गैस के विशाल भंडार हैं। इसके अतिरिक्त, यहाँ की नरम रेत और बड़े-बड़े टीले इसे सैंड बैशिंग के लिये काफी आकर्षक बनाते हैं। इस रेगिस्तान के साथ संस्कृति और इतिहास का मिश्रण तो है ही साथ में ढेर सारी लोककथाएँ भी जुड़ी हुई हैं। कहा जाता है कि इस रेगिस्तान में टीले इतने ऊँचे हैं कि यहाँ इंसानों का घूमना-फिरना लगभग असंभव है। इसकी विशालता के कारण, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि लोग रास्ता भूलकर खो सकते हैं।

२. मलीहा मरुस्थल- शारजाह का सबसे गहरा रेगिस्तान है, शारजाह के मध्य क्षेत्र में स्थित यह रेगिस्तान कई महत्वपूर्ण किलों और मकबरों का घर है। यहाँ विभिन्न संस्कृतियों, प्रकृतिक दृश्यों और ऐतिहासिक जीवन का को देखा और अनुभव किया जा सकता है। अनेक प्रागैतिहासिक इस्लामी किलों, रेगिस्तानी जीवाश्मों, लोहे के औजारों, बर्तनों और ऊँटों के कंकालों को यहाँ पाया गया है। यहाँ अनेक बिडोइन जनजातियाँ निवास करती हैं यही कारण है कि यहाँ शारजाह का मलीहा पुरातत्व केंद्र बनाया गया है जो सभी प्राचीन कलाकृतियों की खोज का प्रभारी है और २०१७ में खोला गया था। इन सभी सांस्कृतिक धरोहरों के कारण ही इस रेगिस्तान को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।

३. अल खातिम - नामक विशाल रेगिस्तान अबू धाबी और अल ऐन के बीच शहर से लगभग ८० किलोमीटर दूर स्थित बड़े टीलों का घर है। सड़क ई२२ अलऐन राजमार्ग के पास स्थित, यह रेगिस्तान अपनी रेगिस्तानी सफारी गतिविधियों के लिये सबसे अच्छी तरह से जाना जाता है। रेत के टीलों और खूबसूरत दृश्यों के कारण ऑफ-रोड ड्राइविंग, ड्यून बैशिंग, सैंडबोर्ड के खेल आदि जैसी बड़ी गतिविधियाँ यहाँ पर आने वाले पर्यटकों के लिये मुख्य आकर्षण हैं। अल खातिम मरुस्थल अपने अद्भुत प्राकृतिक दृश्यों और टीलों के साथ-साथ अपने शांत वातावरण के लिये भी जाना जाता है। जो लोग डर, उत्तेजना और चुनौतियों वाले ऑफ-रोड एडवेंचर का आनंद लेना पसंद करते हैं, वे इस स्थल के दीवाने हो सकते हैं। ९३४ फुट तक ऊँचे टीलों को पार करते हुए थककर चूर होने के बाद अरब की शांत रेत से घिरे विशाल टीलों के बीच यहाँ ठंडे पेय पदार्थों का आनंद उठाने के लिये सुविधा सम्पन्न होटल यहाँ आने वाले पर्यटकों में बहुत लोकप्रिय हैं।

४. अल बदायर- संयुक्त अरब अमीरात के सबसे बड़े टीलों में से एक ''बिग रेड'' का घर, अल बदायेर रेगिस्तान शारजाह और दुबई में दोनों को जोड़ता है। अपने बड़े टीलों के अलावा, यह अपनी लाल रेत के लिये भी जाना जाता है। जैसे-जैसे आप रेगिस्तान में गहराई में जाते हैं, आप देखेंगे कि कैसे रेत लाल और लाल हो जाती है, और इसलिये इसे बड़ा लाल रेगिस्तान भी कहा जाता है। यहाँ यह बताना महत्वपूर्ण होगा कि ''बिग रेड'' लाल रेत से बना एक बड़ा टीला है जो, रेगिस्तान के अन्य सामान्य टीलों की तरह अपना स्थान नहीं बदलता है और हमेशा अपने स्थान पर बना रहता है। यहाँ भी एड्रेनालाईन के दीवाने (रोमांचक से भी ज्यादा रोमांचक खेलों के आदी लोग) सूर्योदय से सूर्यास्त तक डेजर्ट ड्राइविंग, सैंड-बैशिंग या क्वाड बाइकिंग कर सकते हैं। यहाँ सप्ताहांत पर, बहुत से परिवारों को बाहर डेरा डाले हुए देखा जा सकता है क्योंकि यह सप्ताहांत में घूमने के लिये बहुत उपयुक्त स्थान है।

५. स्विहान - संयुक्त अरब अमीरात के रेगिस्तानों में स्विहान एक और बड़ा नाम है। यह रेगिस्तान दुबई, अलऐन और अबूधाबी इन तीन बड़े शहरों की तीन सीमाओं पर स्थित है। इसे लीवा ओएसिस भी कहा जाता है। यह यूएई के सबसे महत्वपूर्ण खेती, चरागाह एवं खजूर उत्पादन क्षेत्रों में से एक बन गया है, साथ ही यह यूएई की ग्रामीण संस्कृति का अभिन्न अंग है। हरे खजूर के पेड़ों और ऊँचे नारंगी-लाल रेत के टीलों के बीच बसा यह रेगिस्तान अद्भुत परिदृश्य बनाता है। इस अनोखे मरूद्यान में जो रेगिस्तानी जीवन देखने को मिलता है वह पूरी तरह से प्रामाणिक और नैसर्गिक है। इसके साथ ही यहाँ रेत के खेलों की सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। यह स्थल आबूधाबी के शासकों का पुराना घर भी है जहाँ इस स्थल की स्थापना दिवंगत सैफ अल-मशगौनी ने की थी।

केवल स्विहान ही नहीं इमारात के अनेक शहर अपने पास स्थित रेगिस्तानों को हरा भरा करने के प्रयत्नों में गंभीरता से काम कर रहें हैं। वे झीलें बना रहे हैं, खजूर के बाग लगा रहे हैं और कृत्रिम वर्षा का सहारा भी ले रहे हैं। इस सबको देखकर लगता है कि यहाँ का भूगोल जल्दी ही बदल जाएगा और बहुत सा रेतीला भाग उपजाऊ खेतों में बदल जाएगा।

पूर्णिमा वर्मन
१ फरवरी २०२३
 


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