कलम गही नहिं हाथ
जन्मदिवस का अवसर
और
कुछ पुरस्कार
सभी पाठकों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभ
कामनाएँ। स्वतंत्रता दिवस का यह दिन अभिव्यक्ति के लिये भी विशेष है क्यों कि
१५ अगस्त २०१४ को अभिव्यक्ति अपने जीवन के १४ साल पूरे कर के १५वें में प्रवेश
कर रही है। वर्ष २००० में १५ अगस्त को इसका पहला अंक प्रकाशित हुआ था। यों तो
इसका जन्म दिसंबर १९९६ में जियोसिटीज पर हो चुका था लेकिन हिंदी फांट के अभाव
और इंटरनेट पर हिंदी सपोर्ट न होने के कारण इसे यह रूप लेते लेते वर्ष २००० का
समय आ गया, और तब से आज तक यह नियमित रूप से प्रकाशित हो रही है कभी भी कोई अंक
स्थगित या संयुक्त नहीं बना। इसकी इस निरंतर गति में हमारी टीम, हमारे पाठकों
और लेखकों का महत्वपूर्ण योगदान है जिसके लिये हम सभी के प्रति हार्दिक आभार
व्यक्त करते हैं। आशा है आपका यह स्नेह और सौहार्द आगे भी बना रहेगा।
इस शुभ अवसर को नवगीत से संबंधित एक महत्वपूर्णि
घोषणा करने के लिये भी चुना गया है। यह घोषणा नवगीत के लिये नवांकुर पुरस्कार
के विषय में है-
नवांकुर
पुरस्कार
अभिव्यक्ति विश्वम से जुड़े
नवगीत रचनाकारों के योगदान को रेखांकित करने के लिये एक विशेष पुरस्कार प्रारंभ
कर रहे हैं। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष उस रचनाकार के पहले नवगीत-संग्रह की
पांडुलिपि को दिया जायेगा जिसने अनुभूति और नवगीत की पाठशाला से जुड़कर नवगीत
के अंतरराष्ट्रीय विकास की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हो। पुरस्कार में
११,००० भारतीय रुपये, एक स्मृति
चिह्न और प्रमाणपत्र दिया जाएगा। यह पुरस्कार लखनऊ में नवगीत महोत्सव के
वार्षिक आयोजन में वरिष्ठ नवगीतकारों की उपस्थिति में प्रदान किया जाएगा।
इस पुरस्कार को वर्ष २०११ से
प्रारंभ किया गया है। इसलिये इस वर्ष तीन नवगीतकारों को पुरस्कृत किया जाएगा -
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२०११ के लिये अवनीश सिंह
चौहान को उनके नवगीत संग्रह ''टुकड़ा कागज'' का के लिये। |
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२०१२ के लिये कल्पना
रामानी को उनके नवगीत संग्रह ''हौसलों के पंख'' के लिये। |
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२०१३ के लिये रोहित
रूसिया को उनके नवगीत संग्रह ''नदी की धार सी संवेदनाएँ'' के लिये। |
हम अभिव्यक्ति परिवार की ओर
से इन रचनाकारों का अभिनंदन करते हैं और इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते
हैं।
पूर्णिमा वर्मन
(टीम अभिव्यक्ति की ओर से)
११ अगस्त २०१४
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