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          कलम गही नहिं हाथ   
          
            
            
            
            
          हंगामा-ए-जलाबिया 
          इमारात में आजकल पेरिस हिल्टन का हंगामा है। 
          अभिनेता अभिनेत्रियों के हंगामे न हों तो फिर जीवन व्यर्थ। सो हंगामा हुआ 
          पेरिस के जलाबिए को लेकर। आप पूछेंगे कि जलेबी को जलाबिया कहने की क्या 
          तुक है लेकिन बात जलेबी की नहीं जलाबिया की ही है। 
          बात यह है कि आजकल पेरिस हिल्टन अपने शो
          'माई न्यू बी.एफ.एफ. '
          के साथ दुबई पर कब्जा जमाए हैं कभी अखबार में छप रही हैं, कभी 
          इंटरव्यू दे रही हैं, तो कभी प्रेस कान्फ्रेंस। वायदे पर वायदे कर रही 
          हैं कि वे मध्यपूर्व की संस्कृति का हर तरह से सम्मान करेंगी और उनके 
          इमाराती कार्यक्रम में वैसी कोई बात नहीं होगी जैसी अमेरिकी या यूरोपीय 
          कार्यक्रमों में होती रही हैं। यहाँ यह बता देना रोचक होगा कि बी.एफ.एफ. 
          का अर्थ है बेस्ट फ्रेंड फ़ार एवर लेकिन यह अर्थ समय समय पर अपने रूप बदलता 
          रहा है। उदाहरण के लिए इमारात में इसे बिज़ार फ़ेमस फ्रेंडशिप्स के रूप 
          में प्रचारित किया जा रहा है। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि पेरिस का यह 
          शो राखी सावंत के स्वयंवर से मिलता जुलता है। खैर इतना तो तय है कि पेरिस 
          अरबियों को हर हाल में लुभा लेना चाहती हैं और लुभाने का भला इससे अच्छा 
          उपाय क्या हो सकता है कि जिस देश में आप जाएँ उसी देश का परिधान पहन लें। 
          बस इसी मंत्र को ध्यान में रखते हुए १७ जून की प्रेस कान्फ्रेंस में 
          पेरिस ने जलाबिया धारण कर लिया। जलाबिया भी ऐसा वैसा नहीं, दुबई की 
          प्रसिद्ध ड्रेस डिज़ाइनर ज़ारा करमोस्तजी का डिज़ाइन किया हुआ ज़री के 
          काम का हरा जलाबिया जिसे पिछले साल मियामी फैशन वीक में सर्वश्रेष्ठ 
          रात्रि-परिधान के रूप में सम्मानित करते हुए पुरस्कार दिया गया था।
          
           
          हाँ तो कान्फ़्रेंस में जब पत्रकारों ने 
          पेरिस से उनके जलवागर जलाबिए के डिज़ाइनर का नाम पूछा तो पेरिस ने सारा 
          बेल्हासा का नाम लिया। धड़ाधड़ मीडिया में सारा बेल्हासा का नाम चमक गया। हंगामा अगले दिन हुआ जब ज़ारा करमोस्तजी मियामी 
          फैशन वीक की तस्वीरें लेकर मीडिया के पास पहुँचीं और यह राज़ खोला कि 
          जलाबिए की डिज़ाइनर ज़ारा करमोस्तजी हैं न कि सारा बेल्हासा। अगले दिन हर 
          अखबार में वे चित्र छपे जो इस लेख के प्रारंभ में हैं। दुनिया सन्न! 
          कि आखिर सारा बेलहासा कौन है और बीच में कहाँ से आ गईं?
          बाद में 
          सारा ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी इस जलाबिए का डिज़ाइनर होने 
          का दावा नहीं किया। वे तो सिर्फ़ सारा बेलहासा नामक उस नामचीन शोरूम की 
          मालकिन हैं जो दुबई में दुनिया के जाने माने डिज़ाइनरों के डिज़ाइन किए 
          हुए परिधान बेचता है। पेरिस की स्टाइलिस्ट ने यह जलाबिया सारा की दूकान से खरीदा था, 
          शायद इसीलिए यह नाम उनकी ज़ुबान पर आ गया। 
           
          अब तक तो आप समझ 
          ही गए होंगे कि जलाबिया आखिर है क्या। ईवनिंग गाउननुमा यह परिधान अरबी 
          महिलाओं द्वारा पहना जाता है। चित्र में बायीं ओर पेरिस हैं प्रेस 
          कान्फ़्रेंस में और दाहिनी ओर एक मॉडेल मियामी फैशन वीक में। अच्छी तरह 
          देखना चाहें तो चित्र को क्लिक करके बड़ा आकार देख सकते हैं। 
           
          पूर्णिमा वर्मन२२ जून २००९
 
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