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          कलम गही नहिं हाथ   
            
            
            
            
          बीते हुए दिन हाय! 
          शारजाह क्रिकेट स्टेडियम शारजाह की शान है। 
          आखिर इसी के कारण तो इमारात के इस छोटे से सुंदर शहर को घर घर में 
          पहुँचने का अवसर मिला और रातों रात लोग इसके उन प्रमुख स्थलों को पहचानने 
          लगे जो लाइव क्रिकेट के मध्यांतर में दिखाए जाते थे। क्या आप उन खूबसूरत 
          महिलाओं को कभी भूल सकते हैं जो दुबई के फैशनेबल बाज़ारों से खरीदे गए 
          बड़े-बड़े बुंदे पहने दर्शक दीर्घा में हँसती बतियाती दिखती थीं और जिन 
          पर कैमरा बार-बार ठहर जाता था। इसी स्टेडियम के कारण शारजाह शहर ने विश्व 
          में सबसे अधिक एक दिवसीय क्रिकेट आयोजित करने का कीर्तिमान अपने नाम किया 
          था। 
          १९८४ से २००३ तक बीस वर्ष के अपने स्वर्ण 
          युग से गुजरे इस स्टेडियम में १९८ एकदिवसीय और चार टेस्ट शृंखलाओं को 
          आयोजित करने का गौरव प्राप्त है। १९८२ में बने इस स्टेडियम का यह 
          कीर्तिमान दूसरे स्थान पर सिडनी के १२९ और मेलबॉर्न के १२४ एक दिवसीय 
          मैचों से आज भी बहुत आगे है। इस महाद्वीप की दो दिग्गज टीमों के बीच मैच 
          के शानदार दिन भूलने की चीज़ नहीं जब भारत और पाकिस्तान के बराबर दर्शक 
          स्टेडियम को अपनी उपस्थिति से गुलज़ार किए रहते थे। उस समय शहर में शायद 
          ही लोग किसी और विषय पर बात करते हों। उन दिनों सीमित ओवरों के खेल में 
          एक एक रन के लिए संघर्ष करते कुछ रोमांचक पल और विश्व रेकार्डों की 
          स्थापना के स्वर्णिम अवसर भी इस स्टेडियम के इतिहास में सुरक्षित हैं। 
          अतीत में क्रिकेट की आन-बान के प्रतीक इस स्टेडियम में अब कोई अंतर्राष्ट्रीय मैच नहीं होते। बीसवीं शती के अंत में मैच फ़िक्सिंग के कारण बदनाम हुआ यह स्टेडियम आज अपने बुरे दिनों से गुज़र रहा है। जिस समय भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच बंद हुए उसी समय से यह स्टेडियम अपना आकर्षण खोने लगा था।  
          कुछ अंतर्राष्टी़य मैच यहाँ आयोजित किए गए पर भारत और पाकिस्तान की टीमों के बिना वे दर्शकों को स्टेडियम तक खींच लाने में सफल नहीं हुए। मानो भीड़ केवल भारत और पाकिस्तान के मैच ही देखने आती थी। बाद में यहाँ कुछ सफल संगीत कार्यक्रम आयोजित किए गए कभी कदा कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए इसका प्रयोग किया गया पर जो बात पहले क्रिकेट की थी वह नहीं बन पाई। 
          
           
          लोकप्रियता घटी तो रखरखाव और 
          सौंदर्य में कटौती झेलता यह स्टेडियम अपना रूप खोने लगा। जिसे भी शारजाह 
          और क्रिकेट से प्यार है वह स्टेडियम के इस रूप को देखकर दुखी है। आज के 
          स्थानीय समाचार पत्र में इमारात क्रिकेट बोर्ड के प्रबंधक मज़हर ख़ान का 
          वक्तव्य छपा है। वे कहते हैं कि नई क्रिकेट शृंखला के आयोजन के लिए 
          बातचीत जारी है। अगर सब निश्चित हो गया तो चार महीने में वे इस स्टेडियम 
          का कायाकल्प कर देंगे। यह वक्तव्य आशा की किरन लेकर आया है। शायद बीते 
          हुए दिन लौटने वाले हैं। 
          पूर्णिमा वर्मन२५ मई २००९
 
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