हास्य व्यंग्य | |
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लूटो एंड फूटो महाविद्यालय के
प्राचार्य खसोटप्रसाद ने जब यह महसूस किया कि भारत में भोले भाले लोगों की संख्या
बढ़ रही है, ये लोग अपनी किसी न किसी निजी परेशानी से हैरान परेशान भी हैं और बिना
किसी मेहनत और प्रयास के अपनी परेशानियों से छुटकारा पाना चाहते हैं और इसी के चलते
बाबाओं के चक्कर में पड़ रहे हैं, ऐसे में देश में बाबागीरी का भविष्य बहुत ही
उज्ज्वल है तो उन्होंने तुरंत महाविद्यालय के मेनेजमेंट के सामने यह प्रस्ताव रखा
कि उनके महाविद्यालय में बाबागीरी का कोर्स शुरु किया जाए। आर्थिक रूप से कमजोर हो
रहे मेनेजमेंट ने भी इस क्षेत्र में आवक की अपार संभावना को देखते हुए इस कोर्स को
शुरु करने की प्रारम्भिक मंजूरी देते हुए प्राचार्य खसोटप्रसाद को ही इस कोर्स का
प्रारुप बनाने के निर्देश भी दे दिए और उन्हें बाबागीरी के कोर्स का इंचार्ज ही बना
दिया। मेनेजमेंट के इस फैसले से खसोटप्रसाद का अतिशय उत्साहवर्धन हुआ और वे
बाबागीरी के कोर्स का प्रारूप बनाने में जी जान से जुट गए। यह बाबागीरी के कोर्स का प्रथम
स्तर होगा। इसमें प्रवचन देने की शैली, कला, बारिकियों तथा प्रभावपूर्ण प्रवचन देने
के बारे में सिखाया जाएगा। प्रवचन के बीच में उठकर नाचने, भक्तों पर फूलों की वर्षा
करने के विशेष तरीकों का भी आभ्यास करवाया जाएगा। इस कोर्स में प्रवेश के लिए कोई
आयु सीमा नहीं होगी बल्कि ज्यादा उम्र होना विशेष योग्यता होगी। इस कोर्स में
प्रवेश पाने के लिए कोई शैक्षणिक आवश्यकता नहीं होगी पर शारीरिक क्षमता में, शरीर
सुदृढ होना, सात इंच की दाढी होना अनिवार्य होगा। सफेद दाढ़ी वालों को प्राथमिकता दी
जाएगी। इस कोर्स की अवधि छः माह होगी। कोर्स के अंत में प्रवचन की प्रेक्टीकल
परीक्षाएँ होंगी एवं उत्तीर्ण होने वाले बाबाओं को बॅचलर ऑफ बाबा की उपाधि प्रदान
की जाएगी। यह दूसरे स्तर का कोर्स होगा।
बॅचलर कोर्स सफलता पूर्वक पास कर चुके बाबा इस कोर्स में प्रवेश ले सकेंगें। इस
कोर्स में कई तरह के चमत्कार सिखाए जाएँगें। इन चमत्कारों के दौरान अपने सहयोगियों
से तालमेल की बारिकियों को गहराई से समझाया जाएगा। भक्तों के सामने किसी चमत्कार की
पोल खुल जाने पर परिस्थितियों को सँभालने का विशेष प्रशिक्षण भी इस कोर्स में शामिल
है। कोर्स के दौरान लगने वाली चमत्कार सामग्री महाविद्यालय की ओर से प्रदान की
जाएगी। इस कोर्स के अंत में भी प्रेक्टीकल्स होगें एवं उत्तीर्ण बाबाओं को मास्टर्स
ऑफ बाबा की उपाधि के साथ चमत्कार में लगने वाले सामान से सुसज्जित "चमत्कारी किट"
भी प्रदान किया जाएगा। |
९ दिसंबर २०१३ |