हास्य व्यंग्य

एक करोड़ जनता और एक मिस इंडिया?
बड़ी बेइंसाफ़ी है!
 -मुरली मनोहर श्रीवास्तव 


गब्बर को पता चला कि एक करोड़ में एक मिस इंडिया चुनी गयी है तो वह भड़क गया, बोला, "सांभा इस देश में बसंती का इतना अकाल कैसे पड़ गया कि इतने सारे निर्णायक मिल कर भी बस एक मिस इंडिया चुन पाए।"

सांभा- सरदार आप कहें तो उठा लाऊँ सभी को इस गुस्ताखी के लिए।
वैसे जमाना इतना खराब आ गया है कि इस देश में सही बात कहना बड़ा खतरनाक काम हैं मैंने तो आपका नमक खाया है मेरी बात छोड़िए अभी भी पुराने जमाने के उसूल मानता हूँ और नमक की कद्र करता हूँ वर्ना यहाँ तो ऐसे लोग पैदा हो गए हैं कि नमक की बोरी भी खा लें तो भी वफादारी न करें सरदार आपकी बसंती के होते कोई ऐरी गैरी मिस इंडिया बन जाए यह भला जंगल के लोग कैसे बर्दाश्त करेंगे? हकीकत तो यह है कि हमारे पास ऐंट्री फार्म ही नहीं आता वर्ना मजाल है कि कोई जीत जाता और सुना है ये बड़ी प्रतियोगिता वाले छोटे मोटे गांव वालों को तो घास ही नहीं डालते बस कुछ खास पैमाने सेट कर के दस बीस छोरियों में से पूरे देश की ब्यूटी का फैसला कर डालते हैं।

गब्बर- सांभा यह तुम क्या कह रहे हो सौंदर्य प्रतियोगिता चलाने वालों की हिम्मत इतनी कब से बढ़ गई कि वे गब्बर का हुक्म न मानें अरे कुछ दिन हमने जेल में क्या बिता लिए इन्हें लगने लगा कि गब्बर की गोली में ताकत नहीं रह गयी क्या हमारा एस एम एस नही मिला उन्हें कि प्रतियोगिता में बसंती की फोटो भेज रहे हैं उसे ही मिस इंडिया चुन लेना तुम लोग। क्यों रे सांभा,  तूने एम एम एस क्लिप तो भेजी थी बसंती की न। कितना इनाम है रे हमारे सिर पर, दूर गांव में जब कुत्ता रोता है तो चौकीदार कहता है अबे चुप हो जा गब्बर आ जाएगा और ये सब मेरा नाम मिट्टी में मिला आए।

सांभा को मानों सांप सूँघ गया-- हुजूर अब आपसे क्या बताएँ जब से जेल के बाहर मोबाइल जामर लगा है हमारा तो धंधा ही चौपट हो गया है पब्लिक अब हमसे डरती ही नहीं कहीं कहीं तो बच्चे हमारे आदमियों को यों पीट देते हैं जैसे हम बदमाश नहीं डरपोक शहर वाले हों। हमारी असली बंदूक को खिलौने की बता कर खुले आम तोड़ देते हैं।

गब्बर का खून खौल गया-- हमारे राज में गब्बर की इतनी बेइज्जती अरे अब तो जय बीरू भी बुढ़ा गए हैं तब यह हाल है और ठाकुर तो रहा नहीं फिर भी ब्यूटी कांटेस्ट वाले पैतरा दिखा रहे हैं ( धाँय... धाँय... धाँय...  )
कितनी गोलियाँ बचीं अब इसमें सांभा

"सरकार तीन"

"हा हा हा अब आएगा खेल का मजा तीन जान और तीन गोली सांभा बता रे तूने हमारे जंगल की बसंती को क्यों नहीं भेजा मिस इंडिया कांटेस्ट में?"

"सरकार वो क्या है कि मिस इंडिया बनने की ट्रेनिंग लेनी पड़ती है किसी बड़े ग्रूमिंग सेंटर से। बॉडी की फ़िटनेस के लिए डायट चार्ट बनाना पड़ता है फ़िगर मेंटेंन करनी पड़ती है स्वीमिंग सीखनी पड़ती है स्विम सूट में तैरते हुए भी चेहरे पर झिझक नहीं आनी चाहिए और सबसे बढ़ कर बड़े टेढ़े मेढ़े सवालों का जवाब देना होता है कोई पूछता है स्त्री होने का क्या मतलब है आपके लिए और कोई पूछता है अगले जन्म में आप क्या बन कर पैदा होना चाहेंगी , किसी ने पूछ लिया क्यों अगर एक चीज बदलने का मौका मिले तो आप क्या बदलना चाहेंगी , तो बताइए सरदार हमारे जंगल की बसंती भला ऐसे टेढ़े मेढ़े सवालों का क्या जवाब देगी और स्विम सूट में अगर तुम्हारी बसंती सारी दुनिया में लाइव टेलीकास्ट कर दी जाए तो तुम किस किस को गोली मारोगे।"

इतना लेक्चर सुन कर गब्बर सीरियस होता हुआ बोला सांभा तुम ऐसा करो अपना चैनल चलाने का इंतजाम करो हमारी बसंती नाचेगी भी और गाएगी भी पर बसंती स्विम सूट में पब्लिक के आगे कभी नहीं आएगी और आ गयी तो मैं उसे गोली मार दूँगा हम बदनाम सही मगर हमारी भी कोई इज्जत है हमारा चैनेल बस मुहल्ले वालों के लिए होगा वह भी केवल स्वस्थ मनोरंजन के लिए . . .  हा हा हा

( नेपथ्य में गब्बर का ठहाका गूँज रहा है) मुझे भी बैकग्राउंड में गाना चलने की आवाज सुनाई दे रही है जाने जहाँ जब तक है जा मैं नाचूँगी।

वाकई इस देश में गली गली मिस इंडिया कांटेस्ट की जरूरत है भला एक करोड़ में एक मिस इंडिया से क्या होगा?

२४ जून २००७