फुलवारी

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लैपटॉप

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आज मुझे एक लैपटॉप मिला है। इससे पहले मेरे पास लैपटॉप नहीं था। माँ के पास था। काले रंग का। मेरा लैपटॉप छोटा है और नीला है। मेरे पास कुछ सी डी भी हैं। इनमें रोचक कहानियाँ हैं, छोटा भीम और बाल गणेश की। ये कहानियाँ मुझे बहुत अच्छी लगती हैं।

एक मजे की बात है ! लैपटॉप में मेरी कहानियाँ भी हैं। मेरी तस्वीरें भी हैं। पता नहीं किसने मेरी कहानियाँ बना दी हैं। मैंने जब देखा तो बड़ा मजा आया।

माँ कहती है कि लैपटॉप पाकर मैं खाना-पीना भूल गई हूँ। खाना खाना जरूरी है। खाने से हम बड़े और मजबूत बनते हैं। अब मैं लैपटॉप बंद कर के खाना खाने जा रही हूँ। मुझे भी बड़ा होना है और ताकतवर बनना है।

- पूर्णिमा वर्मन

४ मार्च २०१३  

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