फूलों की सुरंगों में खुशबू का खजाना है
यह रूप का दरिया है और डूब के जाना है
वादों की उमंगों में विश्वास पुराना है
यह प्रेम का दरिया है और डूब के जाना है
इस मन की तरंगों में जीवन का तराना है
उत्साह का दरिया है और डूब के जाना है
आकाश के रंगों में सुब्हा का फसाना है
नव दिवस का दरिया है और डूब के जाना है
यादों के समंदर में रिश्तों का ठिकाना है
संसार का दरिया है और डूब के जाना है
हर शाम के कंधों पर इक शाम को आना है
आराम का दरिया है और डूब के जाना है |