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बूँदों में |
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झिलमिल झिलमिल
रिमझिम रिमझिम
सपनों के संग
हिल-मिल हिल-मिल
बूँदों में बसता
है कोई
आहट में सजता है
कोई
धीरे धीरे इस
खिड़की से
मेरी साँसों के
बिस्तर पर
खुशबू सा कसता है
कोई |
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हौले हौले
डगमग डोले
मन संयम के
कंगन खोले
कलियों सा
हँसता है कोई
मौसम सा रचता
है कोई
रातों की कोरी
चादर पर
फिर सरोद के
तन्मय तन्मय
तारों सा बजता
है कोई |
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टिपटिप टुप
टुप
लुकछिप
गुपचुप
मन मंदिर
के
आंगन में
रुक
कहने को
छिपता है
कोई
पर फिर भी
दिखता है
कोई
वाष्प बुझे
धुँधले
काँचों पर
साम ऋचा सा
मद्धिम
मद्धिम
यादों को
लिखता है
कोई |
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वही
कहानी
दोहराता
है
बार बार
आता जाता
है
मस्ताना
मादल है
कोई
आँखों का
काजल है
कोई
बारिश को
अंजुरी
में भर
कर
ढूँढ रहा
वन उपवन
में घर
सावन का
बादल है
कोई
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झिलमिल
झिलमिल
रिमझिम
रिमझिम
सपनों
के
संग
हिल-मिल
हिल-मिल
बूँदों
में
बसता
है
कोई
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