नई दिशा है
नव विचार
है
नए साल का
खुला द्वार
है
जीवन इस
बगिया सा
महके
राग रंग
तितली सा
चहके
सोपानों पर
मिले सफलता
सब मंगल
कामों में
शुभता
नीड़ों में
गुंजार रहे
सब अपनों
में प्यार
रहे
सुखद
स्वप्न सब
सच हो जाएँ
नए साल का
सरोकार है
फूलों से
शोभित
पल-छिन
राह कभी न
लगे कठिन
सुबह
स्फूर्ति
को लेकर आए
दिवस धूप
से निखर
नहाए
शामों को
विश्राम
सजाए
मित्रों को
जलपान
लुभाए
मनोकामनाएँ
हों पूरी
नए साल का
शुभ दुलार
है
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पूर्णिमा
वर्मन
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